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बिहार के गौरव सौरभ जायसवाल: हिमालय से विश्व को स्वयंसेवा का संदेश और काँवर झील संरक्षण की अपील

बिहार के गौरव सौरभ जायसवाल: हिमालय से विश्व को स्वयंसेवा का संदेश और काँवर झील संरक्षण की अपील
15,000 फीट की ऊंचाई से सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) और सेवा भावना का आह्वान
अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस (International Volunteer Day) के पावन अवसर पर, बिहार के एक युवा सपूत सौरभ जायसवाल ने न केवल अपने राज्य का बल्कि पूरे देश का नाम ऊँचा किया है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश स्थित 15,000 फीट की दुर्गम ऊँचाई वाले पतल्सू शिखर (Patalsu Summit) को फतह कर एक ऐसा ऐतिहासिक संदेश दिया, जिसने विश्व को स्वयंसेवा की भावना के प्रति जागृत होने के लिए प्रेरित किया। इस अभियान को संयुक्त राष्ट्र संगठन (United Nations Organization - UNO) द्वारा आधिकारिक रूप से फ्लैगऑफ किया गया था, जिससे सौरभ जयसवाल बिहार और अपने जिले के इकलौते ऐसे व्यक्ति बन गए, जिसने इतनी बड़ी वैश्विक संस्था के समर्थन से यह असाधारण कार्य किया।
संयुक्त राष्ट्र के समर्थन से वैश्विक आह्वान
सौरभ जायसवाल का यह पर्वतारोहण अभियान महज एक साहसिक उपलब्धि नहीं था, बल्कि यह सतत विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals - SDGs) पर आधारित, विश्व में स्वयंसेवा की भावना को बढ़ावा देने का एक सशक्त माध्यम बना। उन्होंने इस साहसिक यात्रा के माध्यम से विश्व समुदाय से यह आह्वान किया कि वे निस्वार्थ सेवा और स्वयंसेवक की भूमिका को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाएं। अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस, जो हर साल 5 दिसंबर को मनाया जाता है, इस अवसर पर सौरभ का यह प्रयास सेवा और सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति वैश्विक चेतना को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।
देश को मिले 18 नए युवा पर्वतारोही: विविधता में एकता का प्रदर्शन
इस ऐतिहासिक अभियान की एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि यह रही कि सौरभ जायसवाल और उनकी टीम GEG GLOBAL FOUNDATION ने भारत को 18 नए युवा पर्वतारोही दिए। ये युवा पर्वतारोही देश के हरेक अलग-अलग राज्यों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, जो भारत की अद्भुत विविधता में एकता की भावना को प्रदर्शित करता है।
इन 18 युवा पर्वतारोहियों का चयन और उनका पर्वतारोहण केवल रोमांच तक सीमित नहीं था। यह पूरी तरह से सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के महत्व पर केंद्रित था। इस अभियान के माध्यम से, इन युवाओं ने पर्यावरण संरक्षण, गरीबी उन्मूलन, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण वैश्विक लक्ष्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। विभिन्न राज्यों के इन युवाओं का एक साथ आना और एक साझा लक्ष्य के लिए काम करना, यह दर्शाता है कि कैसे युवा पीढ़ी एकजुट होकर वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है। यह समूह भारत के युवाओं की ऊर्जा, संकल्प और सामाजिक सरोकार को दर्शाता है।
बिहार के धरोहर: काँवर पक्षी बिहार के संरक्षण की भावुक अपील
पतल्सू शिखर से विश्व को स्वयंसेवा का संदेश देने के साथ ही, सौरभ जायसवाल ने अपनी मातृभूमि बिहार के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण मांग रखी। उन्होंने बिहार सरकार और भारत सरकार से काँवर पक्षी बिहार (Kawar Pakshi Vihar) को संरक्षित करने और इसे एक विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का भावुक अनुरोध किया।
काँवर पक्षी बिहार, जो एशिया की सबसे बड़ी ताजे पानी की गोखुर झील (Oxbow Lake) के रूप में जाना जाता है, वर्तमान में विलुप्त होने के कगार पर है। यह क्षेत्र प्रवासी पक्षियों और स्थानीय जैव-विविधता का एक महत्वपूर्ण केंद्र है, लेकिन अतिक्रमण, प्रदूषण और सरकारी उपेक्षा के कारण इसकी स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है।
सौरभ ने अपनी अपील में कहा कि काँवर पक्षी बिहार को संरक्षित करना केवल एक पर्यावरण बचाओ अभियान नहीं है, बल्कि यह बिहार की सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत को बचाना है। इसे एक इको-टूरिज्म स्पॉट के रूप में विकसित करने से न केवल स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे, बल्कि यह क्षेत्र विश्व के मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण वेटलैंड के रूप में भी उभरेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस प्राकृतिक धरोहर का संरक्षण, सतत विकास लक्ष्यों के "जीवन के लिए जल" और "सतत शहर और समुदाय" जैसे लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक प्रत्यक्ष कदम होगा।
पर्वतारोहण से परे एक मिशन
सौरभ जायसवाल का पतल्सू शिखर अभियान केवल एक खेल उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह सामाजिक चेतना, पर्यावरण संरक्षण और युवा नेतृत्व का एक शानदार उदाहरण है। संयुक्त राष्ट्र के समर्थन, 18 राज्यों के युवाओं की भागीदारी, और बिहार के विलुप्त होते धरोहर के संरक्षण की अपील—ये सभी कारक सौरभ के मिशन को एक असाधारण पहचान देते हैं।
उन्होंने यह साबित कर दिया है कि बिहार का बेटा न केवल साहसी और दृढ़ निश्चयी है, बल्कि वह वैश्विक सोच और स्थानीय सरोकार दोनों को एक साथ लेकर चल सकता है। सौरभ जायसवाल अब केवल एक पर्वतारोही नहीं, बल्कि बिहार और भारत के युवाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत बन गए हैं, जिन्होंने 15,000 फीट की ऊँचाई से विश्व को सेवा, साहस और संरक्षण का संदेश दिया है।
निष्कर्ष
अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस के अवसर पर, सौरभ जायसवाल की यह पहल न केवल स्वयंसेवा के महत्व को रेखांकित करती है, बल्कि यह देश के युवाओं को भी एक स्पष्ट दिशा देती है: साहस के साथ सामाजिक जिम्मेदारी निभाना। अब यह बिहार और भारत सरकार की जिम्मेदारी है कि वे सौरभ की पहल का सम्मान करते हुए, काँवर पक्षी बिहार के संरक्षण और विकास के लिए तत्काल और प्रभावी कदम उठाएं, ताकि यह प्राकृतिक धरोहर आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित रहे और देश के पर्यटन को एक नई ऊँचाई प्रदान करे।
सौरव लगातार भारत के युवाओं के साथ विभिन्न गतिविधियों कर रहे हैं, हाल ही में इनकी टीम ने पंजाब फ्लड aabda राहत हेतु 40,000 रुपए भी दिए थे, इतनी ही नहीं इन्होंने नशा मुक्त युवा फॉर विकसित भारत भारत के 18 राज्यों में आयोजित भी करवाए हैं, सौरव अपने राष्ट्र और राज्य को सशक्त और विकसित देखना चाहते हैं।
इतना ही नहीं सौरव उन्नत कृषि हेतु भी लगातार काम कर रहे हैं किसान के बीच जाकर के उनकी समस्याओं को सुनना, उनको ट्रेनिंग दिलवाना, या कोई भारत सरकार की कोई योजना से उन्हें जागरूक करने हो।

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