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अधिवक्ता–प्रशासन टकराव पर प्रदीप मलिक गंभीर, बोले—“सौहार्दपूर्ण माहौल बनाए रखना प्राथमिकता”

खतौली। बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के सदस्य पद के चुनाव को लेकर प्रदेशभर में हलचल तेज होती जा रही है। चुनाव कार्यक्रम घोषित होते ही जिला और तहसील स्तरों पर अधिवक्ताओं के चेंबरों वाले इलाकों में प्रत्याशियों के पोस्टर, बैनर और चुनावी संदेशों की बाढ़ सी आ गई है। प्रदेश के लगभग ढाई लाख अधिवक्ता मतदाताओं के रूप में इस महत्वपूर्ण चुनाव में अपनी भूमिका निभाएंगे, जिसके चलते प्रत्याशी मतदाताओं का समर्थन पाने के लिए हर संभव प्रयासों में जुट गए हैं। कोई अधिवक्ताओं से व्यक्तिगत संवाद कर रहा है तो कोई बैठकों, सभाओं और जनसंपर्क दौरों के माध्यम से अपनी योजनाएँ और प्राथमिकताएँ सामने रख रहा है। इसी क्रम में जिला बार संघ, मुज़फ्फरनगर के पूर्व महासचिव तथा यूपी बार काउंसिल के आगामी चुनाव में सदस्य पद के प्रत्याशी प्रदीप कुमार मलिक एडवोकेट ने मंगलवार को खतौली तहसील का दौरा किया। उन्होंने अपने दर्जनों समर्थकों के साथ अधिवक्ताओं के चैंबरों पर पहुँचकर डोर-टू-डोर जनसंपर्क किया और एकजुट होकर प्रथम वरीयता मत देने की अपील की। जनसंपर्क अभियान के बाद अधिवक्ता संघ सभागार में एक आमसभा आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता पूर्व अध्यक्ष नसीर हैदर काज़मी ने की, जबकि संचालन का दायित्व महासचिव प्रदीप कुमार एडवोकेट ने संभाला। आमसभा में उपस्थित अधिवक्ताओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। सभा को संबोधित करते हुए प्रदीप कुमार मलिक ने कहा कि अधिवक्ता हित उनके लिए सर्वोपरि हैं और अधिवक्ताओं के सम्मान, सुरक्षा और सुविधाओं के लिए वे सदैव संघर्षरत रहे हैं। उन्होंने विश्वास दिलाया कि चुनाव जीतने पर उनकी पहली प्राथमिकता अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करवाना होगी ताकि अधिवक्ताओं की सुरक्षा को कानूनी ढाल मिल सके। इसके साथ ही रजिस्ट्रेशन और सीओपी संबंधी दिक्कतों को सरल बनाने तथा नए अधिवक्ताओं को हर महीने पाँच हजार रुपये की आर्थिक सहायता दिलाने के लिए भी वे प्रयासरत रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि हाल के दिनों में प्रशासन और अधिवक्ताओं के बीच कई बार तनावपूर्ण स्थितियाँ उत्पन्न हुई हैं, जिन्हें खत्म कर एक सौहार्दपूर्ण माहौल स्थापित करना जरूरी है। बार और बेंच के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना भी उनकी प्रमुख प्राथमिकताओं में रहेगा। मलिक ने खतौली बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं को आश्वस्त किया कि किसी भी समस्या या अन्याय की स्थिति में वे हर स्तर पर अधिवक्ताओं की आवाज़ बनकर खड़े रहेंगे। महामंत्री प्रदीप कुमार ने समस्त खतौली अधिवक्ताओं की ओर से उन्हें आश्वासन दिया कि वे वोट, सपोर्ट और चुनावी सहयोग के साथ पूरी मजबूती से उनके साथ खड़े रहेंगे। उधर, बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के सामान्य निर्वाचन 2025–26 के लिए नामांकन प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद 333 प्रत्याशियों की अंतिम सूची जारी कर दी गई है। निर्वाचन प्रक्रिया चार चरणों में 16 जनवरी 2026 से 31 जनवरी 2026 के बीच संपन्न होगी। चुनाव अधिकारियों ने मतदान स्थलों पर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनके तहत कचहरी परिसरों में किसी भी प्रकार का चुनाव प्रचार पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। बैनर, पोस्टर, हैंडबिल या प्रचार सामग्री लगाने पर रोक होगी तथा मतदाताओं की गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए मोबाइल फोन, कैमरा सहित किसी भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण को मतदान स्थल पर ले जाने की अनुमति नहीं होगी। प्रत्याशियों की ओर से दिए गए अंडरटेकिंग के अनुसार टीवी, समाचार पत्र, सोशल मीडिया, लाउडस्पीकर, जुलूस तथा अन्य किसी भी प्रकार के विज्ञापन पर भी पूर्ण प्रतिबंध लागू रहेगा। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बैठक में जिला बार संघ मुज़फ्फरनगर के पूर्व अध्यक्ष वसी अंसारी, पूर्व अध्यक्ष सरदार जितेंद्र सिंह, जितेंद्र त्यागी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रामचंद्र सैनी, पूर्व महासचिव सचिन आर्य, राजगृही यादव, राजवीर सिंह, सुभाष चंद्र, अमित त्यागी, योगेश खारी, मोहम्मद अरशद, शाज़ेब इक़बाल, अभिषेक गोयल, अंकित बालियान, देवेंद्र पँवार, संत कुमार अहलावत, अनुज तोमर, नितिन जावला सहित अनेक अधिवक्ता उपस्थित रहे।

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