राज्यपाल के निर्देशन में मध्यप्रदेश सरकार ने लिया अभूतपूर्व निर्णय
राज्यपाल के निर्देशन में मध्यप्रदेश सरकार ने लिया अभूतपूर्व निर्णय..........मध्यप्रदेश में 15 नवम्बर को राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस पर आजीवन कारावास के 32 कैदी को समय पूर्व मिलेगी रिहाईबड़वानी 13 नवम्बर 2025/ धरती आबा भगवान बिरसा मुण्ड़ा की 150वी जन्म शताब्दी के अवसर पर राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल के निर्देशन में मध्यप्रदेश में लिए गए निर्णय के तहत अब प्रतिवर्ष 15 नवम्बर को राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस पर आजीवन कारावास के बंदियों को शासन द्वारा समय पूर्व रिहा किया जाने की शुरुआत की जाएगी । इस निर्णय के साथ ही मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बना जहां वर्ष में पांच बार आजीवन कारावास के दंडित बंदियों को, दिशा- निर्देशों में पात्रता अनुसार सजा से छूट प्रदान कर समय पूर्व रिहाई दी जाएगी। मध्यप्रदेश शासन जेल विभाग मंत्रालय ने दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 432, सहपठित धारा 433 एवं धारा 433(क) (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 473, सहपाठित 474 एवं 475 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए आजीवन कारावास के बंदियों को नई रिहाई नीति द्वारा 15 नवम्बर ( राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस ) को शामिल कर 05 अवसरों पर सजा में छूट प्रदान करने का प्रावधान किया मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव सरकार के एतिहासिक निर्णय ने 15 नवम्बर राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस को राष्ट्रीय स्तर के प्रमुख चार दिवसों के समकक्ष महत्वपूर्ण दिवस बना दिया। राष्ट्रीय़ स्तर के प्रमुख चार दिन भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण पड़ावों का प्रतीक है, इन चार राष्टीय प्रमुख दिवसो पर पूरे देश में आजीवन कारावास के कैदियों को उनके अच्छे आचरण को देखते हुए समय पूर्व रिहाई दी जाती है । जैसे स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) ब्रिटिश शासन से मुक्ति का प्रतीक है। गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) संविधान लागू होने और भारत को एक गणराज्य बनने का उत्सव हैं। गांधी जयंती ( 2 अक्टूबर) राष्ट्रपिता की जयंती और डा. भीमराव अंबेडकर जयंती ( 14 अप्रैल) समानता दिवस का प्रतीक ठीक उसी प्रकार भगवान बिरसा मुण्ड़ा जयंती (15 नवम्बर) राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस जो जनजाति समाज की परम्परागत प्राचीन सनातन संस्कृति के संरक्षण,स्वधर्म से स्वराज की स्थापना के संघर्ष और अस्मिता के पुर्नजागरण के प्रतीक के रूप में स्मरण करने का दिन है। राज्यपाल के इस निर्णय ने समाज में यह संदेश दिया कि राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस केवल जनजातीय समुदाय तक सीमित नहीं बल्कि समाज के हर वर्ग का दिन है तभी तो पात्रता नियमानुसार आजीवन कारावास के हर वर्ग के 32 बंदियों को समय पूर्व को रिहा किया जा रहा है।