logo

जिला परियोजना प्रबंधक एन आर एल एम पर गंभीर आरोप, अनुभव प्रमाण पत्र रोकने और वित्तीय अनियमितता के मामले ने पकड़ी रफ्तार

डिंडौरी -- जिला प्रशासन के समक्ष आज उस समय हलचल मच गई जब म.प्र. दीनदयाल अंत्योदय योजना – राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी एक पूर्व अधिकारी सरोज गुप्ता ने जिला परियोजना प्रबंधक अपर्णा सोनकिया पाण्डे पर गंभीर आरोप लगाते हुए जनसुनवाई मे एक विस्तृत शिकायत पत्र सौपा।शिकायत में कहा गया है कि श्रीमति पाण्डे द्वारा द्वेषतापूर्ण रवैया अपनाते हुए अनुभव प्रमाण पत्र और गोपनीय प्रतिवेदन (ACR) देने से इनकार किया गया है, जबकि इस संबंध में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा आदेश भी पारित किया जा चुका है (प्रकरण क्रमांक WP/34381/2025)।

न्यायालय के आदेश की भी अनदेखी -- शिकायतकर्ता सरोज गुप्ता का कहना है कि उन्होंने 23 अक्टूबर 2025 को पुनः अनुभव प्रमाण पत्र हेतु आवेदन प्रस्तुत किया था, परंतु अब तक प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराया गया। इतना ही नहीं, आरटीआई के माध्यम से मांगी गई जानकारी भी नहीं दी गई और यह कहकर टाल दिया गया कि जानकारी राज्य कार्यालय से ली जाए।

वित्तीय अनियमितताओं के भी गंभीर आरोप -- सरोज गुप्ता ने अपने पत्र में खुलासा किया है कि अपर्णा सोनकिया पाण्डे ने जिला वित्तीय प्रबंधक (DFM) अमित वैश्य के साथ मिलकर बिना अनुबंध के सात माह का मानदेय भुगतान करने की तैयारी की थी। संबंधित नोटशीट मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को प्रस्तुत की गई, लेकिन समय रहते वित्त अधिकारी ने भुगतान पर रोक लगाकर बड़ी अनियमितता को रुकवाया।
भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण” देने का आरोप -- शिकायत में यह भी कहा गया है कि जिला परियोजना प्रबंधक द्वारा राजेश पाण्डे (अमरपुर), शिवमंगल सिंह (करंजिया), नरेन्द्र पाण्डे (बजाग) और शिव झारिया (समनापुर) जैसे अधिकारियों पर लगे वित्तीय गड़बड़ियों के मामलों में कार्रवाई करने की बजाय उन्हें संरक्षण दिया जा रहा है।बताया गया है कि इन अधिकारियों के ACR तत्कालीन कलेक्टर नेहा मारव्या द्वारा रोके गए थे, परंतु अपर्णा सोनकिया पाण्डे ने पूर्व कलेक्टर हर्ष सिंह से नियमों के विपरीत हस्ताक्षर करवाकर एसीआर जारी करवा लिए।
राज्य कार्यालय को भेजी गई ‘झूठी रिपोर्ट’ -- पत्र में यह भी उल्लेख है कि जिला परियोजना प्रबंधक द्वारा पत्र क्र. 776/म.प्र.दी.अं.यो.रा.ग्रा.आ.मि./प्रशा./2025 दिनांक 10.10.2025 के माध्यम से राज्य कार्यालय को भ्रामक रिपोर्ट भेजी गई, जिसमें चल रही जांचों को छिपाया गया।जबकि राज्य कार्यालय, भोपाल के पत्र क्रमांक 9650/MPNRLM/कृषि/2024 दिनांक 27.12.2024 में यह स्पष्ट रूप से उल्लेखित है कि “PVTG (विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह) योजना में वित्तीय जांच लंबित है।”
सख्त कार्रवाई की मांग --सरोज गुप्ता ने अपने शिकायत पत्र के माध्यम से अनुरोध किया है कि उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन सुनिश्चित किया जाए।अनुभव प्रमाण पत्र तत्काल प्रदान किया जाए। अपर्णा सोनकिया पाण्डे और सहयोगी अधिकारियों पर वित्तीय एवं प्रशासनिक अनियमितताओं की जांच कर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
जिले में मचा प्रशासनिक हलचल --इस गंभीर शिकायत के बाद जिला प्रशासन और आजीविका मिशन के दफ्तरों में हड़कंप मच गया है।कलेक्टर कार्यालय में जनसुनवाई के दौरान यह मामला उठने से चर्चा तेज हो गई है कि आखिर क्यों न्यायालय के आदेशों को महीनों से नजरअंदाज किया जा रहा है और अधिकारी जवाबदेही से बच रहे हैं।
इनका कहना है --
उन्होंने अनुभव प्रमाण पत्र सम्बन्धी जो जानकारी मुझसे मांगी जो नियमानुसार थी उन्हें पूर्व मे ही दी जा चूकि है। गोपनीय प्रतिवेदन के मामले मे जबसे मैंने यहॉ का प्रभार संभाला है मेरे कार्यकाल मे ऐसा कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है, और ना ही ऐसी जानकारी सामने आई है, वैसे भी वो गोपनीय होता है, (ACR ) या अनुबंध सर्टिफिकेट दिया जा सकता है पर यदि उनको वो लेना है तो मै उन्हें डायरेक्ट नहीं दे सकती।
अर्पणा सोनकिया पांडे ( जिला परियोजना प्रबंधक, एन आर एल एम )

69
3175 views