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*उन्नाव : मिड-डे मील बना ‘मिड-डे मारपीट’ — शिक्षिका और रसोइयों में जमकर हाथापाई, BSA ने टीचर को किया निलंबित*

उन्नाव।
पुरवा ब्लॉक के ऊंचागांव सानी प्राथमिक विद्यालय में शनिवार सुबह शिक्षा का मंदिर युद्धभूमि में बदल गया। मिड-डे मील की तैयारी के दौरान सहायक अध्यापिका प्रियंका श्रीवास्तव और तीन महिला रसोइयों के बीच शुरू हुआ मामूली विवाद इतनी तेजी से भड़का कि पूरा स्कूल मैदान जंग का मैदान बन गया।

*बाल खींचे गए, डंडे चले, बच्चे डरकर भागे*
आरोप है कि शिक्षिका ने पहले एक रसोइया को धक्का देकर जमीन पर गिराया और लात-घूंसे बरसाए। जवाब में रसोइयों ने भी टीचर के बाल पकड़कर खींचा और डंडे से पीटा। झगड़े के दौरान वहां मौजूद शिक्षक बीच-बचाव करने पहुंचे तो उन पर भी हमला कर दिया गया। अफरातफरी में कई बच्चे डरकर कक्षाओं से बाहर भाग गए।

*वीडियो वायरल, प्रशासन में हड़कंप*
इस मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। वीडियो में अध्यापिका और रसोइयों के बीच भयंकर झगड़ा साफ दिख रहा है।
हालांकि, इस वायरल वीडियो की पुष्टि अभी नहीं हुई है।*
वीडियो के सामने आते ही ग्रामीणों ने स्कूल का रुख किया और शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

*ग्राम प्रधान का आरोप: छात्रा तक नहीं बख्शी गई*
ग्राम प्रधान अतुल कुमार चौधरी ने बताया कि शिक्षिका का व्यवहार लंबे समय से अनुशासनहीन रहा है। लंच टाइम के दौरान उन्होंने न केवल रसोइयों से हाथापाई की, बल्कि कक्षा 4 की छात्रा अंशिका को भी पीट दिया। इससे विद्यालय में दहशत का माहौल बन गया।

*शिक्षिका निलंबित, जांच के आदेश*
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) अमिता सिंह ने वीडियो और रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए शिक्षिका प्रियंका श्रीवास्तव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उन्होंने कहा— “वीडियो में जो दृश्य सामने आए हैं, वे अत्यंत गंभीर हैं। शिक्षिका का आचरण शिक्षक आचरण नियमावली का खुला उल्लंघन है। विभागीय जांच के आदेश जारी किए गए हैं।”

*पुराना विवादित रिकॉर्ड भी आया सामने*
प्रधानाध्यापक गया दीन वर्मा और स्टाफ ने विभाग को भेजी रिपोर्ट में लिखा है कि शिक्षिका प्रियंका का व्यवहार लगातार विवादित रहा है। उन्होंने पहले भी अगस्त और अक्टूबर 2025 में स्टाफ से अभद्रता की थी, प्रधानाध्यापक से कहा था— *“तू टीचर नहीं है, मैं तुझे प्रधानाध्यापक नहीं मानती।”*
यहां तक कि उन्होंने छात्र उपस्थिति पंजिकाएं तक फेंक दी थीं और स्टाफ को धमकाया था कि “आज किसी को पढ़ाने नहीं दूंगी।”

*तीखा सवाल अब यही है —*
क्या सरकारी स्कूलों में अनुशासन और मर्यादा का स्थान अब झगड़ों और वायरल वीडियोज़ ने ले लिया है?
जहां बच्चों को संस्कार सिखाने की बात होती है, वहीं अगर शिक्षण-स्टाफ खुद हिंसा का उदाहरण पेश करे, तो शिक्षा की गरिमा बची कहाँ?

जांच जारी है — लेकिन इस घटना ने उन्नाव के शिक्षा तंत्र की साख पर गहरा सवालिया निशान छोड़ दिया है।

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