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भारत पेंशनर्स समाज से सम्बद्ध पूउरे पेंशनर्स एसोसि. की एक और उपलब्धि* -------------अमिय रमण

गोरखपुर। पूर्वोत्तर रेलवे पेंशनर्स एसोसिएशन, गोरखपुर पेंशनरों के हित में "कर भला तो हो भला" की भावनात्मक सोच के साथ सकरात्मक पहलूओं को दर्शाता हुआ प्रशंसनीय कार्य करता रहा है। पूर्वोत्तर रेलवे पेंशनर्स एसोसिएशन सह भारत पेंशनर्स समाज के कार्यकारी अध्यक्ष श्री अमिय रमण पेंशनरों एवं परिवार के लिए हमेशा कुछ नयी-नयी विधा का प्रयोगात्मक पहलूओं से मनभावन प्रस्तुति कर नयी चेतना जागृत करते हैं। इसी क्रम में श्री रमण ने धर्मपत्नी श्रीमती रेखा रमण के कहने पर नेपाल दर्शन का टूर का प्रोग्राम अपने लिया बनाया। लेकिन 7 सीटर इनोवा मे टूर आपरेटर ने दो और कपुल कोसाथ ले चलने हेतु कहा। जो अक्सर साध जाया करते है,उनकी असमर्थता को देखते हुए इसे गोरखपुर के व्हाट्सएप पर श्री रमण ने पोस्ट किया तो लगभग 50 लोगों ने अपना नाम नोट कराया।क्रमबद्ध तरीके से सबसे टूर फीस जमा कराया गया तो 44 लोगो के फीस भी आ गये।बहुत से लोगो को संशय था कि मंहगा टूर आखिर 10,000 /-में छह दिन और पाच रात का होगा कैसे? वे अभी भी कैलकुलेट कर ही रहे है और यहा टूर लौटकर वापस आ गया जिसमें प्रतिभागी रहे-
1-2 श्रीमती एवं श्री अमिय रमण, 3-4श्रीमती एवं श्री जी एस पाण्डेय,5-6श्रीमती एवं श्री एपीखरे,7-8श्रीमती एवं श्री राधेश्याम सिह (Signal), 9-10श्रीमती एवं श्री डी के श्रीवास्तव,11-12श्रीमती एवं श्री राधेश्याम सिह ( Elect),13-14श्रीमती एवं श्री भरत शर्मा, 15-16 श्रीमती एवं श्री परमेश्वर शर्मा,17-18श्रीमती एवं श्री अनिल कुमार शर्मा,19-20 श्रीमती एवं श्री प्रदीप कुमार,21-22श्रीमती एवं श्री यदुवंश शुक्ला, 23-24 श्रीमती एवं श्री पी एन सेन गुप्ता,25-26श्रीमती एवं श्री सुभाष गोड, 27-28 श्रीमती एवं श्री भानुप्रकाश नारायण, 29-30श्रीमती एवं श्री पुरूषोत्तम सिह, 31-32 श्रीमती एवं श्री बी बी मल्ल, 33-34श्रीमती एवं श्रीउमेश सिह,35-36 श्रीमती एवं श्री आलोक कुमार,37-38 श्रीमती एवं श्री ओम प्रकाश शर्मा, 39-40 सर्वश्री आनंद गौड एवं संजय नन्दन सेनगुप्ता,41-42 श्रीमती एवं श्री आर एन मिश्रा, 43-44 श्रीमती एंव श्री प्रभु नाथ शर्मा। 3 सितम्बर'25 की सुबह इस टूर को विदा करने आए लोगों में सर्वश्री ए के कोहली, पी एस पाण्डेय,सी पी राय, नजमुद्दीन, मीन बहादुर आदि प्रमुख थे। तिलक लगाकर शुभकामनाओं सहित विदा करने का परिणाम भी सुखद मंगलमय रहा। सोनौली बार्डर पर चेकिंग कराकर सभी ने मनी एक्सचेंज लिया और गौतम बुद्ध की जन्म स्थली लुम्बनी हेतु प्रस्थान किया। वहां पहले से तैनात मेस पार्टी ने पोहा और लजीज हलुवा खिलाकर चाय दिया। लुम्बनी मे डेढ घंटे घूमने के बाद गर्मागर्म लंच मिला।अब बस पोखरा के लिए प्रस्थान हुई।रास्ते में तीन चार लोगों को उल्टी हुई और सिर दर्द हुआ। सूचना एवं प्रसारण मंत्री डा.भानु प्रकाश नारायण ने इलेक्ट्रो होमियोपैथी दवा से राहत दिलाई, वहीं कुछ श्री रमण जी के पास से ऐलोपैथ की दवा लेकर राहत पाये। पोखरा पहुंचते- पहुंचते रात के 12 बज चुके थे,उपर से झमाझम बारिश। खैर किसी तरह होटल में डिनर लेकर सभी अपने रूम में विश्राम करने चले गए। सुबह सब कुछ ठीक हो गया और पोखरा में दोपहर से पहले बस से दर्शनीय स्थलों का भ्रमण किया गया। लंच लेने के बाद सभी झील की ओर पैदल चले।किनारे फोटो खिचाया और फिर नाव से झील के बीच स्थित मंदिर मे दर्शन करके प्रसाद लिए।रात का शानदार डिनर रहा।अगले दिन भोर मे ही काठमांडू के लिए प्रस्थान करना था। सो रास्ते मे मनोकामना मंदिर तक रोपवे से पहुँचना, मनोकामना माता का दर्शन करना और फिर रोपवे से वापस आना रोमांचक रहा।काठमांडू पहुंचकर बेहतर होटल में ठहराव एवं रात का सुस्वादु डिनर का आनन्द लिया।अगले दिन पशुपति नाथ धाम पर मात्र 350/- प्रति व्यक्ति देकर सबने नेपाली पंडित से विधि विधान से पूजन कराया तथा प्रसाद स्वरूप उसी पैसे मे 108 मनके वाला रुद्राक्ष का माला ग्रहण किया। पूजन विधि से सभी अति प्रसन्न दिखे। फिर नाश्ता चाय लेकर आसपास के दर्शनीय स्थलों का भ्रमण किया।शाम को सबलोग जुटकर श्रीमती विमला सिंह पत्नी श्री पुरूषोत्तम सिह एवं श्री आर एन मिश्रा जी का जन्म दिन मनाया और मस्ती में खूब गाना गाया गया।।अगले दिन सुबह जनकपुर हेतु प्रस्थान किये। श्री रमण जी द्वारा मैथिली भाषा में गाये कुछ गीत सुनकर सभी आनन्दित हुए। रास्ते में नाश्ता +चाय मिला। फिर लंच और रात में डिनर लेने के बाद विश्राम किए। अगले यानी प्रोग्राम के आखिरी दिन "धनुषाधाम' में शिव जी के टूटे धनुष के अवशेष एवं पाताल कुआं को देखने के बाद छोला भठूरा +चाय लेकर जनकपुर धाम में राजा जनक के महल तथा विवाह मंडप का दर्शन किए।विहार के सीतामढ़ी स्थित पुनौरा धाम जहाँ माँ सीता अवतरित हुई थी, का दर्शन किये। थोड़ी दूर आगे एक ढाबे पर टूर आपरेटर द्वारा लंच का प्रबंध किया गया था। सादा भोजन घर की तरह चावल, दाल, आलू का भुजिया, भिन्डी का भुजिया और चटनी मजा आ गया।श्री सुभाष गौड ने बस मे लम्बी यात्रा पर अन्ताक्षरी कराकर बोरियत से बचाया।इनका साथ दिया श्री राधेश्याम सिह पूर्व प्रधानाचार्य विद्युत प्रशिक्षण केंद्र, श्री अमिय रमण , श्री यदुवंश शुक्ला, ए पी खरे, भानु प्रकाश नारायण, श्रीमती रेखा रमण, श्रीमती आशा सिंह, श्रीमती किरण श्रीवास्तव, श्रीमती रंजना श्रीवास्तव आदि सभी ने। गोरक्षनाथ की धरती पर बाबा गोरखनाथ के आशीर्वाद से बाबा पशुपति नाथ का आशीर्वाद पाकर दिनांक 09 अगस्त' 25 को 12 बजकर 15 मिनट पर बस से उतरते हुए सभी ने एक-दूसरे को बधाई दी। लाख लाख शुक्रिया अनन्त शिव को , क्योंकि उस समय नेपाल जेन जेड की क्रांति से धधक रहा था।

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