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पत्रकार पर झूठा मुकदमा दर्ज होने पर पत्रकारों में नाराजगी,उपखंड अधिकारी को सौंपा ज्ञापन


सवाई माधोपुर/ मलारना डूंगर । जिले के मलारना डूंगर उपखंड क्षेत्र के मलारना चौड़ कस्बें में न्यूज़ कवरेज के दौरान पत्रकार उमाशंकर तिवाड़ी के साथ हुई धक्का-मुक्की व गाली- गलौज की घटना के बाद खबर प्रकाशन से और अधिक बौखलाए घटना से जुड़े दोषी लोगों द्वारा पुनः मारपीट की घटना को अंजाम दिया गया।

चौथे स्तंभ के साथ किस तरह का खिलवाड़ कानूनी रूप से गलत है लेकिन पुलिस प्रशासन द्वारा अभी तक कोई ठोस कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है। मामले को लेकर विभिन्न पत्रकार व पत्रकार संगठनों द्वारा कड़े शब्दों में निंदा करते हुए है ।

उक्त मामले में दोषियों के खिलाफ शीघ्र अति- शीघ्र पुलिस व प्रशासन से  लोकतंत्र के चौथे स्तंभ से खिलवाड़ करने की हिमाकत करने वालों को कठोर दंड देने एवं इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं होने देने हेतु दोषियों को पाबंद करने व गिरफ्तार करने की मांग की गई है।

पहले चोरी.. फिर सीना जोरी.... ऐसे ही कहावत को चरितार्थ करता हुआ   विद्युत ट्रांसफार्मर से जुड़ा मसला था जिसमें दोषी व्यक्तियों ने एक और जहां खुद की ही बस्ती में विद्युत उपभोक्ताओं के साथ नाइंसाफी की वहीं विद्युत विभाग को भी हजारों रुपए का चूना लगाने का प्रयास कर चोरी छुपे विद्युत ट्रांसफार्मर को बदल दिया। भले ही विद्युत विभाग घटना को लेकर मौन है, लेकिन अन्य विद्युत उपभोक्ताओं ने उक्त मसले पर गहरी नाराजगी जाहिर की है। इसी घटना को कवरेज देने वाले पत्रकार के साथ पहले तो दोषी व्यक्ति व उसके परिवार वालों द्वारा मौके पर ही गाली गलौच व धक्का-मुक्की की गई और समाचार को कवरेज करने से रोका गया। उसके बाद समाचार प्रकाशन से दोषी व्यक्ति और अधिक बौखला गया। क्योंकि यहां उसकी चोरी वाली करतूत दूसरों लोगों व गांव के बीच उजागर हो गई।जिसके चलते उसने खबर प्रकाशन के दूसरे दिन एक बार फिर अपने पुत्र को साथ लेकर आई एफ डब्ल्यू जे के सदस्य व पत्रकार उमाशंकर तिवारी (दैनिक देश की धरती एवं ज़ी न्यूज़ पोर्टल) के साथ बदसलूकी करते हुए मेन बस स्टैंड पर हाथापाई से लेकर मारपीट तक की। मामले को लेकर पत्रकार तिवारी द्वारा दोषी व्यक्ति व उसके पुत्र के खिलाफ मलारना डूंगर थाने में मामला दर्ज कराया गया। लेकिन यहां सच्चाई की एक बार फिर हार होते हुए दिखाई दी। एक और जहां पुलिस ने इस मामले में फौरी कार्रवाई की वहीं कुछ दलाल व आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों द्वारा भड़काने पर दोषी व्यक्ति जो कि एसटी कैटेगरी से संबंध रखता है उसने अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए उल्टे पत्रकार तिवारी पर ही झूठा एससी- एसटी एक्ट का मामला दर्ज करवा दिया। इस बात को लेकर मलारना डूंगर वह बौंली उपखंड क्षेत्र सहित सवाई माधोपुर जिले के सभी पत्रकार लामबंद होते हुए दिखाई दिए और पुलिस व जिला प्रशासन से झूठा मुकदमा वापस लेने तथा दोषी के खिलाफ कार्रवाई करने की उचित मांग की है। मामले को लेकर विगत दिवस आई एफ डब्ल्यू जे पत्रकार संघ की मलारना डूंगर ईकाई की ओर से कोरोना गाइडलाइन की पालना करते हुए उपखंड अध्यक्ष माहिर खान ने उपखंड अधिकारी के नाम एक ज्ञापन दिया जिसमें संगठन के सदस्य व पत्रकार उमाशंकर तिवारी पर न्यूज़ कवरेज से नाराज व्यक्ति छिनपाल मीना निवासी मलारना चौड़ द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति एक्ट एवं अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराये जाने को लेकर की गई झूठी कार्रवाई से उपखंड अधिकारी को अवगत कराया गया। ज्ञापन में मामले को पूर्णत झूठा एवं तथ्यहीन बताते हुए मुकदमे को समाप्त करवाने की मांग की गई है एवं झूठा मुकदमा दर्ज कराने वाले के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करवाने की भी शिकायत दी गई है।
बता दे कि पिछले दिनों न्यूज़ कवरेज को लेकर देश की धरती दैनिक समाचार पत्र के संवाददाता/पत्रकार उमाशंकर तिवारी निवासी मलारना चौड़ के साथ स्थानीय व्यक्ति छिनपाल मीणा द्वारा मारपीट की गई थी जिसकी रिपोर्ट संवाददाता द्वारा मलारना डूंगर पुलिस थाने में दिनांक 16 अप्रैल 2021 को मुकदमा नंबर114/21 दर्ज करवाया था। इसके बाद थाना पुलिस द्वारा उक्त व्यक्ति को शांतिभंग में गिरफ्तार किया गया था। उक्त व्यक्ति द्वारा संवाददाता के खिलाफ मुकदमा नंबर 116/21 धारा 341 323 504 अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति एक्ट दर्ज करवाया गया । जिसको आई एफ डब्ल्यू जे पत्रकार संघ ने झूठा एवम् तथ्यहीन बताते हुए मुकदमे को शीघ्र समाप्त करने की मांग की है। इसके अतिरिक्त अन्य पत्रकार संगठनों पर उपखंड क्षेत्र के पत्रकारों ने उक्त घटना को लेकर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई हेतु पुलिस व उपखंड प्रशासन तथा जिला प्रशासन से शीघ्र कार्यवाही करने हेतु अपील की गई है। लेकिन कहते हैं "सांच को आंच नहीं"... दोषी व्यक्ति को सजा अवश्य मिलेगी...... और झूठे केस पर बाकायदा जिरह और बहस की जाएगी और तथ्य प्रस्तुत किए जाएंगे। ताकि दूसरा कोई भी दोषी व्यक्ति पत्रकार और पत्रकारिता के खिलाफ झूठे मामले को लेकर एक बारगी किसी प्रकार की हिम्मत नहीं जुटा सके।

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