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UP Gram Panchayat Chunav 2021 गांवों की सरकार के लिए हर दल तैयार, जानें ग्राम पंचायत चुनावो के बीजेपी, एसपी, बीएसपी और AAP ने कसी कमर


लखनऊ:यूपी में पंचायत चुनावों की अधिसूचना जारी होने के साथ प्रदेश के सभी प्रमुख दलों ने अपनी-अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले होने वाले चुनावों को सभी प्रमुख राजनैतिक दल अपने लिए लिटमस टेस्ट के रूप में देख रहे हैं।

उनकी कोशिश है कि इसमें ज्यादा से ज्यादा सफलता पाई जाए, ताकि 2022 के चुनावों के लिए जनता के बीच एक संदेश जा सके। आइए जानते हैं कि किस दल की पंचायत चुनावों के लिए क्या है तैयारी...
इस बार पंचायत चुनाव में सियासी पार्टियां भी उतरीं
बीजेपी: युवा और शिक्षित प्रत्याशियों पर फोकस:
सत्ताधारी दल होने के नाते इस चुनाव में सफल होना बीजेपी के लिए बेहद जरूरी है। इसके लिए बीजेपी ने कई महीने पहले से तैयारी भी शुरू कर दी है। संगठन के आला पदाधिकारियों के लेवल पर कई बार बैठकें भी हो चुकी हैं और यह भी तय किया जा चुका है कि कैसे प्रत्याशियों को टिकट या समर्थन दिया जाना है। बीजेपी का खासतौर पर फोकस युवा और शिक्षित प्रत्याशियों पर है। बीजेपी ने हर जिले में प्रभारी भी नियुक्त किया है।
समाजवादी पार्टी: चलाए जा रहे अभियान:
समाजवादी पार्टी भी कई महीनों से पंचायत चुनावों को लेकर तैयारी कर रही है। किसान आंदोलन के बाद समाजवादी पार्टी ने ग्रामीण इलाकों में कई तरह के अभियान चलाए हैं। पार्टी की कोशिश है कि इन अभियानों के जरिए जनता के बीच ज्यादा से ज्यादा पहुंचा जा सके। सपा के समर्थित प्रत्याशी भी पार्टी की ओर से शुरू किए गए घेरा अभियान, किसान चौपाल जैसे कार्यक्रमों में अपनी ताकत दिखा रहे हैं। सपा की जिला इकाइयां प्रत्याशी तय करेंगी।
बहुजन समाज पार्टी: कार्यकर्ता अभी से प्रचार में जुटे:
त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए प्रत्याशी चुनने की जिम्मेदारी बसपा ने मुख्य जोन इंचार्जों को सौंपी है। पार्टी कार्यकर्ता स्थानीय स्तर पर जाकर संभावित प्रत्याशियों के लिए वोट भी मांग रहे हैं। इन चुनावों को लेकर बसपा कितनी गंभीर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती कई बार अपने स्तर पर पार्टी पदाधिकारियों की बैठक ले चुकी हैं। कार्यकर्ताओं से इन बसपा को सफलता दिलाने की अपील भी कर चुकी हैं।
कांग्रेस: जिला पंचायत सदस्यों पर लगाएंगे दांव:
कांग्रेस पंचायत चुनाव में जिला पंचायत सदस्यों पर दांव लगाएगी। फिलहाल पार्टी ने जो रणनीति तैयार की है, उसके मुताबिक उसने तय किया है कि उसके समर्थन से ज्यादा से ज्यादा जिला पंचायत सदस्य जीतें। जिले में संगठन के पदाधिकारियों को पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं कि वे योग्य उम्मीदवार की तलाश करें। वहीं, दमदार प्रत्याशी अगर किसी जिला अध्यक्ष को प्रधानी या क्षेत्र पंचायत सदस्य के तौर पर मिलता है तो भी पार्टी उसे मदद करने का मन बनाए है।
आम आदमी पार्टी:
आम आदमी पार्टी ने भी पंचायत चुनावों में पूरे दम से उतरने का ऐलान किया है। इसके लिए पार्टी ने कुछ प्रत्याशियों के नाम का ऐलान भी किया है। इन चुनावों के लिए आम आदमी पार्टी लंबे समय से तैयारी कर रही है। पार्टी के आला नेता लगातार स्थानीय मुद्दों को उठा रहे है, ताकि जनता के बीच पार्टी के जनाधार को मजबूत किया जा सके।
बीडीसी और प्रधान के पद पर बड़ों की प्रतिष्ठा:
पार्टियों ने ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी) के पदों के लिए अधिकृत उम्मीदवार उतारने का ऐलान नहीं किया है, लेकिन स्थानीय प्रभावशाली नेता इन पदों पर समर्थकों को चुनाव लड़ाने और जिताने की रणनीति बना रहे है।

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