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आखिर कब तक उत्पीड़न का शिकार माता बहने करती रहेंगी आत्महत्या

दुनिया की आधी आबादी हर क्षेत्र में पुरूषों के कंधा से कंधा मिलाकर चलने के प्रयास का कोई मौका नहीं चूक रही है। और सरकार शासन प्रशासन तथा पुलिस व उच्च पदों पर बैठे लोगों द्वारा भी उन्हें आगे बढ़ने और किसी प्रकार का उनका उत्पीड़न ना हो इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन यह कितने ताज्जब की बात है कि ग्रामीण कहावत ज्यो ज्यो दवा की मर्ज बढ़ता ही गया के समान सुरसा के मुंह की भांति घरेलू महिलाओं के साथ ही कामकाजी शिक्षित महिलाओं के उत्पीड़न के जो किस्से पढ़ने सुनने को जो मिल रहे हैं उनमें कमी नहीं आ पा रही है। अब इसमें खामी कहां है और इसके लिए जिम्मेदार कौन है यह तो इस संदर्भ में कुछ कर गुजरने की ताकत रखने वालों को देखना है। मगर सरकार को अब कुछ ऐसा जरूर करना होगा ििजससे महिलाओं के उत्पीड़न की कहानी खुलकर आ रही है वो रूक सके।
कर्नाटक के पूर्व मंत्री रमेश जारकी होली के खिलाफ एक महिला द्वारा सेक्स स्केंडल की सामने आई बात के बाद महाराष्ट के अमरावती के वन विभाग में तैनात युवा अधिकारी द्वारा यौन उत्पीड़न को लेकर जो आत्महत्या की गई वो घटना सोचनीय है। क्योंकि अपनी कार्यप्रणाली से लेडी सिंघम के नाम से मशहूर अधिकारी का मृत मिलना कोई छोटी मोटी बात नहीं है। बताते चलें कि एक चैंकाने वाली घटना में अमरावती के मेलघाट टाइगर रिजर्व (एमआरटी) में तैनात 28 वर्षीय महिला रेंज वन अधिकारी ने आत्महत्या कर ली है. उन्होंने अपने कथित सुसाइड नोट में भारतीय वन सेवा के वरिष्ठ अधिकारी पर यौन उत्पीड़न और अत्याचार का आरोप लगाया है।
28 वर्षीय आरएफओ दीपाली चव्हाण-मोहिते ने बीते गुरुवार की देर रात अपने सर्विस रिवाल्वर से टाइगर रिजर्व के पास हरिसल गांव में अपने सरकारी क्वार्टर में खुद को गोली मार ली। उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया. बंदूक के साथ उनका खून से लथपथ शव बाद में रिश्तेदारों और सहयोगियों द्वारा बरामद किया गया.दीपाली वन माफियाओं के खिलाफ अपनी निडरता के लिए श्लेडी सिंघमश् के नाम से प्रसिद्ध थीं. दीपाली के पति राजेश मोहिते चिखलधारा में एक ट्रेजरी आॅफिसर के रूप में पोस्टेड हैं. जबकि उनकी मां सतारा गई हुई थीं, जब उन्होंने इस घातक कदम को उठाया. इससे पहले दीपाली के परिवार ने सुसाइड नोट में नामजद आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किए जाने तक अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया. घटना के बाद वन विभाग में सदमे का माहौल है.अमरावती पुलिस ने डिप्टी कंजर्वेटर आॅफ फाॅरेस्ट (डीसीएफ) विनोद शिवकुमार को नागपुर रेलवे स्टेशन से उस समय हिरासत में लिया जब वह बेंगलुरु जाने के लिए ट्रेन का इंतजार कर रहे थे. विनोद शिवकुमार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग दीपाली ने अपने सुसाइड नोट में की है ताकि कोई और दूसरा इनका शिकार न बने. उन्हें आगे की औपचारिकताओं के लिए अमरावती लाया जा रहा है.पिछले दिनों कई मौकों पर दीपाली ने शिवकुमार के बारे में अपने वरिष्ठ, एमटीआर फील्ड निदेशक, एमएस रेड्डी (आईएफएस) को शिकायत की थी, जिन्होंने कथित तौर पर उनकी दलीलों को नजरअंदाज किया.आरोप है कि दीपाली ने शिवकुमार की शराब पीने की आदतों पर पर प्रकाश डाला था. साथ ही कहा था कि वह सार्वजनिक और निजी तौर पर उनके साथ अभद्र व्यवहार करते थे और फिजिकल होने का संकेत देते थे। हालांकि, दीपाली ने उसे बार-बार फटकार लगाई. जिसकी कीमत उन्हें कठिन वर्क शेड्यूल, उत्पीड़न और एक माह की सैलरी को होल्ड करके चुकानी पड़ी।
जैसे जैसे समाज में बढ़ती जनसंख्या को लेकर जागरूकता आ रही है वैसे वैसे हम दो हमारे दो का नारा साकार होने लगा है। और कई परिवार तो व्यवस्थाओं को दृष्टिगत रख हम दो हमारे एक का सिद्धान्त अपना रहे हैं तथा भ्रूण हत्या को रोकने के प्रयासों तथा बेटियों को पालने के प्रति आई जागरूकता ने सभी अभिभावकों को बेटा हो या बेटी उसकी सही परवरिश अपनी व्यवस्था के अनुसार करने और पालने का प्रयास किया जा रहा है। कहने का मतलब है कि अपनी संतान चाहे बेटा हो या बेटी सबको प्यारी है। और उन्हें किसी स्तर पर पहुंचाने और कामयाब बनाने के लिए मां बाप द्वारा भरपूर प्रयास किए जाते हैं तो आॅफिसों में भी कामकाजी महिलाएं सुरक्षित रहे इसके लिए प्रयास जारी हैं उसके बावजूद लेडी सिंघम 28 वर्षीय महिला रेंजर द्वारा आत्महत्या गंभीर विषय है। और सोचने के लिए मजबूर करता है कि आखिर बेटियों को कैसे सुरक्षित रखा जाए। जो भी हो सरकार और समाज को इस संदर्भ में अब विचार और चर्चा के अतिरिक्त कुछ बड़े निर्णय भी लेने होंगे जिससे महिला उत्पीड़न पर रोक लग सके।

रवि कुमार विश्नोई
सम्पादक – दैनिक केसर खुशबू टाईम्स
अध्यक्ष – ऑल इंडिया न्यूज पेपर्स एसोसिएशन
आईना, सोशल मीडिया एसोसिएशन (एसएमए)
MD – www.tazzakhabar.com

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