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रोहनिया के बारीपुर में गांव के नेताओं की साजिश, पुलिस पर दबाव बनाने के लिए की गई नारेबाजी, हंगामा करने वाले लोग पीड़ित नहीं हैं हमलावर


वाराणसी। रोहनिया थाना क्षेत्र के बारीपुर में गवईं राजनीति की वह बानगी देखने को मिली जिसके किस्से आम हैं। पुलिस पर दबाव बनाने के लिए मंगलवार को हमलावर पक्ष ने नारेबाजी की। ग्राम का प्रधान बनने के फेर में कुछ लोगों ने सही को गलत साबित करने के लिए ऐसा सीन क्रिएट कर दिया कि कुछ देर के लिए लगा विरोध-प्रदर्शन जायज है।

थोड़ी देर बाद ही सच्चाई सामने आ गई। वायरल वीडियो क्लिप में जो लोग नारेबाजी करते दिख रहे हैं उनमें से ज्यादातर ने गांव के ही रहने वाले एक परिवार के लोगों को सप्ताह भर के अंदर चार बार दौड़ा कर पीटा। हमले में जख्मी पीड़ित पक्ष के कुछ लोग अभी भी हॉस्पिटलाइज हैं। 

पुलिस ने मुकदमा कायम कर जब हमलावर पक्ष के खिलाफ विधिक कार्रवाई शुरू की तो दबाव बनाने के लिए गांव के नेताओं ने नारेबाजी शुरू करा दी। गांव के ही कुछ लोगों का कहना है कि विरोध जताने का नाटक करने वाले लोग मनबढ़ हैं। अगर पुलिस इनके नाटक के जाल में फंस गई और कार्रवाई नहीं हुई तो इनकी गुंडई गांव में बदस्तूर जारी रहेगी।

*महिलाओं को कर दिया आगे ताकि दबाव बना रहे*

महिलाओं को आगे करके नारेबाजी का वीडियो क्लिप जानबूझकर सोशल मीडिया पर वायरल कराया गया। महिलाओं को आगे कराने के पीछे का मकसद सिर्फ इतना है कि पुलिस पर दबाव कायम रहे। पुलिस कार्रवाई न करे।

*गवईं नेतागिरी पुलिस के लिए चुनौती*

गांव का नेता बनने के फेर में इन दिनों देहात के थाना क्षेत्रों में कई अवांछनीय तत्व सक्रिय हो गए हैं। माहौल खराब करने के लिए पब्लिक को उकसा रहे हैं। ग्रामीण थाना क्षेत्रों में कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए इन दिनों पुलिस को खासी मेहनत करनी पड़ रही है। सिर्फ रोहनिया ही नहीं बनारस के चौबेपुर, मिर्जामुराद, सिंधौरा, चोलापुर, बड़ागांव, कपसेठी आदि थाना क्षेत्रों में भी इन दिनों गांव वाले नेता साम, दंड, भेद और दाम का बखूबी इस्तेमाल कर रहे हैं।

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