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पांच बच्चों की दम घुटने से मौत, हमें सोचना होगा, ऐसी घटनाओं की ना हो पुनरावृति

राजस्थान के बीकानेर जिले के एक गांव में गत रात्रि को खेलते हुए पांच बच्चों की हुई मौत ने हिलाकर रख दिया है। यह हृदयविदारक घटना जिस परिवार के साथ हुई और जिसके जिगर के टुकड़े मौत के काल में समा गए उसके दुखों को शब्दों में व्यक्त किया जाना संभव ही नहीं है और ना ही कोई क्षतिपूर्ति या शोक संवेदना इसकी पूर्ति कर सकते है। यह घटना आकस्मिक आपदा ही कही जा सकती है और ऐसे प्रकरण पूर्व में सुनने को मिलते रहते हैं। यह आगे ना हो इसके लिए कुछ प्रयास हमें सामूहिक रूप से करने चाहिए। जहां तक मुझे लगता है सरकार अपने स्तर पर ना तो इस संदर्भ में कोई कानून बना सकती है और ना ही कोई प्रतिबंध लगा सकती है लेकिन अपनी आत्मा के अंश को सुरक्षित रखने हेतु समाज और सरकार ऐसी घटनाओं की पुनरावृति रोकने के लिए बच्चों को खेल खेल मे या घरेलू बातचीत के दौरान सरल शब्दों मे समझाकर जागरूक जरूर कर सकती है कि इस काम अथवा शैतानी से खेल खेल में जान जा सकती है या नुकसान हो सकते हेैं।
राजस्थान में बीकानेर जिले के हिम्मतासर गांव में बीते रविवार को हादसे में पांच बच्चों की मोत हो गई। मृतकों में चार सगे भाई-बहन हैं। सभी मृतक बच्चों की उम्र आठ साल के आसपास है। पुलिस के अनुसार, हादसा बच्चों के लुका-छिपी के खेलने के दौरान हुआ। बच्चे छिपने के लिए घर में रखी अनाज की टंकी में बंद हो गए। इसी बीच, टंकी का ढक्कन अचानक बंद हो गया। ढक्कन बंद होने से उसका हैंडल कुंडे मे लग गया, जिससे वे उसे ऊंचा कर के खोल नहीं सके। जिस समय यह घटना हुई, उस समय घर में कोई नहीं था। इस कारण बच्चों की किसी ने आवाज नहीं सुनी। दम घुटने से बच्चों की मौत हो गई । शाम को जब मां ने बच्चों को देखा तो वे कहीं नहीं मिले, उसने शक होने पर टंकी खोली तो बच्चे मिले।
मां ने बच्चों की लाश देखकर रोना शुरू कर दिया। तो आसपास के लोग घर उसके घर पहुंचे। बच्चों को बाहर निकाल कर अस्पताल पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए। पुलिस के अनुसार, किसान भीयाराम का पूरा परिवार सुबह 10 बजे से खेत पर गया हुआ था और घर में बच्चे ही खेल रहे थे कि यह हादसा हो गया। लोहे की टंकी 5 फीट गहरी और 3 फीट चैड़ी है। पुलिस के अनुसार, मृतक बच्चों में 4 वर्षीय सेवाराम,3 साल का राधा किशन,5साल की रविना,8 साल की रविना और 3 साल का माली शामिल है। पुलिस के अनुसार, जिस तरह से बच्चों के शव टंकी में मिले उससे पता चलता है कि वे लुका-छिपी के खेल के एक-दूसरे के ऊपर कूद गए और अचानक टंकी का ढक्कन गिर गया,कूंडाा बंद होने से वे बाहर नहीं निकल सके। दम घुटने से उनकी मौत हो गई।
इस बीच, सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट में लिखा कि हिमतासर गांव, नापासर (बीकानेर) एवं चिराना गांव, उदयपुरवाटी (झुंझुनू) में खेलते समय हुए हादसों में आठ बच्चों की हुई मौत बेहद हृदयविदारक व दुर्भाग्यपूर्ण है। मेरी गहरी संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ हैं, ईश्वर उन्हें शक्ति प्रदान करें। मैं घायल बच्चे के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं।
मेरा मानना है कि 3 साल की उम्र के बाद अगर बच्चों को खेल खेल में कोई बात समझाई जाए तो वो थोड़ा बहुत उसे आत्मसात कर लेते है इसलिए आठ साल की उम्र तो फिर भी काफी होती है। जैसे हम बच्चें को चलना और बोलना सिखाते हैं। तीसरे नंबर पर उन्हें किस बात से क्या नुकसान हो सकता है यह बताने की कोशिश करनी चाहिए। अपने हमेशा हमसे जुड़े रहे और उनका प्यार और अपनापन हमें मिलता रहे यह सबसे जरूरी बात कही जा सकती है।


– रवि कुमार विश्नोई
सम्पादक – दैनिक केसर खुशबू टाईम्स
अध्यक्ष – ऑल इंडिया न्यूज पेपर्स एसोसिएशन
आईना, सोशल मीडिया एसोसिएशन (एसएमए)
MD – www.tazzakhabar.com


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