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राजनीतिक गलियारे सुनसान, चुनाव की तारीख का ऐलान होते ही हो जाएंगे सक्रिय


 रामाकोना (छिंदवाड़ा)। जिले की सबसे बड़ी पंचायत ग्राम रामाकोना जो प्रत्येक क्षेत्र में सबसे आगे मानी जाती है और राजनीति की बात की जाए तो यहां देश एवम प्रदेश स्तर की राजनीति पर भी तर्क वितर्क होने से कोई छूट नही पाता है और ऐसे में ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत एवम जिला पंचायत के चुनावों की घोषणा नही हो पाना राजनीतिक गलियारों में सुनसान की स्थिति बनी हुई है।,

ये वो गांव है जहां चुनाव कोई भी हो इसी ग्राम से हार व जीत की हवा बनती और बिगड़ती है और ऐसे में ग्राम में ही लंबे अरसे से चुनाव नही हों पाना राजनीति लोगो को बात हजम नही हो रही है पुराने पंचायत बॉडी के कार्यकाल को लगभग 6 वर्ष होते आ रहे है और ऐसे में चुनाव की तारीख की घोषणा नही हो पाने से राजनीतिक गलियारों को सुनसान देखने को मिल रहा है।


    जैसे ही आरक्षण प्रकिया सम्पन्न हुई थी और जैसे ही सबको पता चल गया था कि ग्राम पंचायत से लेकर जिला पंचायत तक के सभी पदों पर होने वाले चुनाव में कोनसे पद आरक्षण के अनुसार फिट बैठते है उस अनुसार अपने आप को उम्मीदवार घोषित करके चुनाव अभियान में भी लग गए थे लेकिन कोरोना मानो या और कोई ठोस कारण जिसके कारण चुनाव की तारीख की घोषणा नही हो पाई इस कारण ऐसे नेताओं को तो बहोत अखरा होंगा जिन्होंने अपनी पूर्व से ही तैयारियां शुरू कर दी थी।
    
कुछ नेताओं ने तो चुनाव की तारीख के पहले ही अपनी टिकट भी पक्की कर चुनाव अभियान में लग गए थे
   इस दरमियान कुछ नेता, जिन्होंने चुनाव को देखते हुवे अपने नाम को मतदाता लिस्ट से शहर के अंदर से ग्राम में नाम जोड़ना शुरू कर दिया था जिसके कारण उन्हें चुनाव लड़ने का अवसर मिले, कुछ ऐसे भी दिग्गज नेता थे जिन्होंने अपनी राष्ट्रीय पार्टी के हामी भरने से पहले ही अपने आप को उम्मीदवार बनाकर चुनावी प्रचार करना शुरू कर दिया था ऐसे भी नेताओं को देखने मिला जिन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने आप को उम्मीदवार बनाकर चुनाव प्रचार में भीड़ गए थे लेकिन ऐसे में चुनाव इतने लेट होने से ऐसी गतिविधियों पर अंकुश सा लग गया है।

 रामाकोना पंचायत चुनाव में उम्मीदवारो की फौज, सरपंच के लिए एक नाम
अभी तो चुनाव से संबंधित कोई सूचना भी नही आई है लेकिन पहले से ही चुनाव लड़ने को लेकर बहोत से युवाओ के नाम सामने आये है जिसमे जिला पंचायत और सरपंच पद के लिए एक एक नाम तो वही जनपद पंचायत में उम्मीदवारो की फौज पड़ी है।

लाला फेक्टर भी चुनाव से होंगा दूर
चुनाव में रोमांचक इसलिए भी होता था जिमसें चुनाव मैदान में जितने भी उम्मीदवार होते थे उसमे से एक उम्मीदवार को लाला का उम्मीदवार माना जाता था 
और एक पक्ष लाला विरोधी पक्ष कहलाता था अब देखना ये होंगा की अबकी बार चुनाव में लाला पक्ष की भूमिका नही होने के कारण ग्राम में निर्विरोध चुनाव होंगा या फिर कोई तीसरा पक्ष सामने आएगा।
चूंकि इसके पूर्व उपसरपंच चुनाव में न तो लाला परिवार से कोई उपसरपंच बना नही लाला विपक्ष से कोई उपसरपंच बना।
ऐसा न हो जाये कोई तीसरा पक्ष ही बाजी मार जाए।

ये हो सकते है चुनाव में शामिल

स्थानीय रामाकोना पंचायत की बात की जाए तो सरपंच पद के लिए सामान्य महिला होने के कारण अभी तक सीधे तौर पर एक नाम सामने आया है वर्तमान उपसरपंच मुन्ना अब्दुल कलाम अंसारी की पत्नी, मुन्ना अब्दुल कलाम अंसारी बताते है कि मेरे द्वारा जो ग्राम में काम किया गया विकास कार्य किये गए तो मेरा हक बनता है कि चुनाव में सीधे तौर पर लडु इसीलिए एक नाम सीधे तौर पर देखने को मिल रहा है वही सरपंच पद हेतु श्रीमती रजनी ठाकुर, श्रीमती तृप्ति भोयर, श्रीमती प्रभा राजू ठोसरे, एवम श्रीमती उर्मिला अजय वानखड़े के नामो की भी चर्चा सुनने में आ रही है लेकिन इनका चुनाव लड़ना तय नही बताया जा रहा है।
तो वही जिला पंचायत की बात की जाए तो रामाकोना से हाल ही में युवा किसान संघर्ष समिति के संयोजक चंद्रशेखर गर्वे के समर्थक भी चुनाव लड़ने के लिय प्रेरित कर रहे है इसके साथ ही युवा सामाजिक कार्यकर्ता दिनकर पातुरकर एवम पुर्व सभापति गगन गोहेल भी जिले में लड़ने का मन बना लिया है।
तो वही जनपद पंचायत सदस्य की बात की जाए तो रामाकोना में  जनपद पंचायत सदस्य बनने की सभी युवाओ में होड़ मची हुई है।
जिसमे प्रमुख रूप से मिलनसार व्यक्त्वि के धनी एवम बेदाग छवि से बुजुर्गों का मनमोहित करने वाले एवं जिनकी चर्चा पूरे गाँव मे स्वयं के व्यक्तित्व एवम ईमानदारी छवि के कारण पहचाने जाने वाले युवा श्याम ठाकरे युवाओ की पहली पसंद बनकर सामने आई तो वही इस पद के लिए सोशल मीडिया पर अपने आपकी पहले से उम्मीदवार बताने वाले डॉक्टर सचिन भदौरिया, तो वही उभरते हुवे नेता लाभेश भूतड़ा भी इस बार मैदान में होंगे ऐसी चर्चा चल रही है तो वही क्षेत्र के डॉक्टर गुलाबरावजी पांडे इसके पूर्व जिला पंचायत लड़ चुके है कुछ ही मतों से हारना पड़ा था वे भी जनपद पंचायत की लाईन में अपना भविष्य आजमाना चाहते है। अब देखना है कि ऊंट किस करवट बैठता है।

एक कुनबा ऐसा भी जो चाहता है निर्विरोध चुनाव
ग्राम का एक कुनबा एवम समुदाय ऐसा भी है जो स्थानीय रामाकोना के पंचायत के विकास कार्यो देखते हुवे जिसमे सरपंच कांग्रेस समर्थित, उपसरपंच भाजपा समर्थित एवम जनपद सदस्य निर्दलीय तीनो की जुगलबंदी को देख विकास कार्य हुवे एवम पूरे कार्यकाल में विपक्ष की भूमिका किसी भी राजनीति व्यक्ति एवम पार्टी द्वारा नही निभाई गयी, केवल ग्राम के इक्क दुक्का युवाओ ने मुद्दों को उठाया गया लेकिन विपक्ष की भूमिका निभाने में कोई नही रहा ऐसे में एक कुनबा ये भी चाहता है कि जब ग्राम के विपक्ष ही नही बचा तो निर्विरोध चुनाव किया जाए जिससे सरकार की योजनाओ का लाभ भी मिल सके एवम सरकार का पैसा भी बच सके।

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