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छावनी के बाद नगर निगम में भाजपा ने गवाया उपाध्यक्ष का पद

केंद्र और प्रदेश में पूर्ण बहुमत की भाजपा सरकारें होने तथा मेरठ में सात में से छह विधायक और सांसद भाजपा का है। उसके बावजूद भले ही छावनी में बीना वाधवा भाजपा उम्मीदवार के रूप में ही उपाध्यक्ष बनी हो लेकिन इससे कोई अनभिज्ञ नहीं है कि भाजपा नेतृत्व ने विहिप जारी कर विपिन सोढ़ी को उपाध्यक्ष बनाने का निर्देश दिया था। जिन्हें अंदरूनी गुटबंदी के चलते पराजय का मुंह देखना पड़ा। लेकिन आज उससे भी दो कदम आगे बढ़कर नगर निगम में कार्यकारिणी उपाध्यक्ष के चुनाव में जो हुआ उसने तो भाजपा की खूब किरकिरी की क्योंकि ज्यादा संख्या में पार्षद भी भाजपा के हैं और सभी दलों को अलग अलग करके देखें तो कार्यकारिणी सदस्य संख्या भी भाजपा की ज्यादा है उसके बावजूद कार्यकारिणी उपाध्यक्ष के हुए चुनाव में कांग्र्रेस के रंजन शर्मा का उपाध्यक्ष चुना जाना इस सत्ताधारी पार्टी में हर स्तर पर गुटबंदी को उजागर करता है। 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव सिर पर हैं।

अगर पार्टी की गुटबंदी ऐसे ही बढ़ती रही तो कहीं ऐसा ना हो कि जिस प्रकार से 2017 में शहर विधानसभा सीट भाजपा के हाथ से निकल गई और मेयर चुनाव में कांता कर्दम मेयर का चुनाव हार गई थी। एक तरफ नगर निगम में कार्यकारिणी उपाध्यक्ष का चुनाव हो रहा था तो दूसरी तरफ वरिष्ठ पार्षद और राजनेता राजीव काले छावनी स्थित वोल्गा उत्सव मंडप में कृषि अनुसंधान परिषद उप्र के अध्यच कैप्टन विकास गुप्ता के समक्ष नगर निगम में भाजपा पार्षदों का काम ना होने का रोना रो रहे थे। कहीं ऐसा तो नहीं है कि नगर में भाजपा नेतृत्व कमजोर हो रहा है। क्येांकि जो घटनाएं नजर आ रही हैं उससे भाजपा के आम कार्यकर्ता में भी असंतोष सा नजर आ रहा है।

कल क्या होगा यह भाजपाईयों को सोचना है लेकिन कुल मिलाकर सांसद और छह विधायक और अपनी सत्ता होने के बाद भी भाजपाईयों के हाथ से नगर निगम कार्यकारिणी का उपाध्यक्ष पद निकल जाना मेयर गुट की जीत भी कह सकते हैं।



– रवि कुमार विश्नोई
सम्पादक – दैनिक केसर खुशबू टाईम्स
अध्यक्ष – ऑल इंडिया न्यूज पेपर्स एसोसिएशन
आईना, सोशल मीडिया एसोसिएशन (एसएमए)
MD – www.tazzakhabar.com

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