logo

मोदी जी की माता जी के लिए अपमानजनक टिप्पणी है देशवासियों का अपमान

आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी हमारे पीएम तो है ही देश दुनियां के हमारी भावनाओ से जुड़े लोकप्रिय नेता है आज के एक समाचार पत्र में बीबीसी के शो में मोदी जी की मां के लिए अपमान जनक टिप्पणी शीर्षक से खबर छपीं जिसे पढ़कर बहुत ही मानसिक दुख पहुंचा क्योकि ऐसी महान शख्सियत की माता जी चर्चाओं से दूर रहने के साथ ही सीधी साधी ममतामयी मां का रूप है और उनका किसी कार्य में कोई दखल भी नही है। ऐसे में उनके बारें में कोई भी किसी भी प्रकार की टिप्पणी करे यह ठीक नही है।
मुझे लगता है की हमारी निगाह में किसी भी मां के लिए कुछ भी गलत कहना किसी का भी अधिकार नही है। टिप्पणी करने वाले ने खबर के अनुसार माफी मांग ली बताते है।
मुझे लगता है की यह बात इस संदर्भ में पूर्ण नही है। देशवासियों की भावनाओं से जुड़े इस मुद्दे पर बीबीसी संस्थान को खेद व्यक्त करना चाहिए और ऐसे मामले की पुनराति ना हो इसका ध्यान रखा जाना चाहिए।

बताते चले की 5 मार्च के दिल्ली से प्रकाशित राष्ट्रीय सहारा के 13 पृष्ठ के आखिरी दो कालम में यह खबर छपीं जो इस प्रकार है। एक चौंकाने वाली वाली घटना में बीबीसी के एक शो में एक कॉलर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी मां के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की जिससे भारत में नाराजगी देखने को मिली। बाद में बीबीसी ने माफी मांगी। यह घटना बीबीसी एशियन नेटवर्क के बिग डिबेट के दौरान मार्च को हुई थी। चर्चा का अधिकांश हिस्सा ब्रिटेन में सिखों और भारतीयों के नस्लीय भेदभाव के आसपास केंद्रित थी। ईस्टएंडर्स 1985 से एक प्रसिद्ध ब्रिटिश सोप ओपेरा है। शो के दौरान होस्ट प्रिया राय और एक सिख वकील हरजाप भंगल सोप ओपेरा से एक कहानी पर चर्चा कर रहे थे जिसमें एक सिख चरित्र की पगड़ी को मुकुट कहा गया था। जैसे ही शो दर्शकों के कॉल के लिए खोला गया। बातचीत भारत में चल रहे किसानों के विरोध की ओर बढ़ गई। चर्चा के दौरानॉ एक श्रोता साइमन ने फोन किया और इसका अंत गुस्से के साथ हुआ। होस्ट द्वारा टोके जाने पर कॉलर ने मोदी की मां के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया। इस घटना से बीते बुधवार को भारत में आक्रोश फैल गया और नेटिजेंस ने बीबीसी की आलोचना की। साथ ही ट्विटर पर ‘हैशटैग बाॅयकाॅट बीबीसी’ ट्रेंड कर रहा था। बड़े पैमाने पर आक्रोश के बाद तीन घंटे के पांडकास्ट के रिकार्ड किए गए वर्जन से अपमानजनक सामग्री को हटाने के लिए संपादित किया गया।
मुझे लगता है की इस मामले में केन्द्रीय गृह और न्याय मंत्रालय को भी संज्ञान लेना चाहिए क्योकि यह मामला जनभावनाओं से जुड़ा है और शायद कोई भी इसे सही नही कह सकता।

– रवि कुमार विश्नोई
सम्पादक – दैनिक केसर खुशबू टाईम्स
अध्यक्ष – ऑल इंडिया न्यूज पेपर्स एसोसिएशन
आईना, सोशल मीडिया एसोसिएशन (एसएमए)
MD – www.tazzakhabar.com

126
17933 views
  
1 shares