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बिजली बिल की वसूली के लिए लक्ष्य तय, बकाएदारों के घर पहुंचेगी कंपनी

बिजली बिल नहीं देने वालों से बिल वसूली के लिए कंपनी बकाएदारों के घर जाएगी। लोगों पर कार्रवाई के बदले कंपनी का लक्ष्य है कि वह अधिक से अधिक बिल की वसूली कर ले। इसके लिए कंपनी ने एजेंसियों को लक्ष्य तय कर दिया है।

कंपनी की कोशिश है कि वह बिल वसूल कर नुकसान कम करे, ताकि लोगों को निर्बाध बिजली देने में परेशानी नहीं हो
। दरअसल, कोरोना काल में बिजली बिल जमा करने वालों का औसत घटा है। पहले जो लोग बिल जमा किया करते थे, वे भी अब भुगतान नहीं कर रहे हैं। लॉकडाउन अवधि के दौरान आम तौर पर 800-900 करोड़ की वसूली करने वाली कंपनी को बमुश्किल 300 से 400 करोड़ की वसूली हो रही थी।इस का परिणाम हुआ कि कंपनी को अधिक नुकसान होने लगा। साल 2016 में कंपनी मात्र 1047 करोड़ के नुकसान में थी।

2020 में कंपनी का नुकसान बढ़कर 4673 करोड़ हो गया। अर्थात, कंपनी के राजस्व नुकसान में लगभग पांच गुने की वृद्धि हो गई।नुकसान कम करने के लिए बिजली कंपनी ने एजेंसियों की सेवा लेने का निर्णय लिया है। एजेंसी को मासिक लक्ष्य दिया गया है कि वह लोगों से बिल की वसूली करे। खासकर वैसे उपभोक्ता जो लंबे समय से बिजली बिल जमा नहीं कर रहे हैं, उनसे  कंपनी की ओर से एजेंसी के लोग सम्पर्क करेंगे। इसके लिए विशेष वसूली शिविर का भी आयोजन किया जाएगा।

राजस्व वसूली के लिए शिविर का आयोजन ग्रामीण इलाकों में किया जाएगा। साथ ही डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया पर कंपनी प्रचार-प्रसार करेगी। लोगों को बताया जाएगा कि अगर वे समय पर बिल भुगतान करेंगे तो उनको क्या-क्या लाभ मिलेगा।कंपनी सरकारी विभागों से भी  करेगी वसूली 

आम लोगों के साथ ही कंपनी सरकारी विभागों से भी बकाया बिजली बिल की वसूली करेगी। मसलन, नगर विकास, पीएचईडी, लघु जल संसाधन, स्वास्थ्य, पुलिस, शिक्षा पर बकाया ऊर्जा विभाग के बिल की वसूली के लिए भी कंपनी विशेष प्रयास करेगी। इसके लिए विभागीय अधिकारियों से आवश्यक पत्राचार किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो सरकार के शीर्ष स्तर पर होने वाली इन बैठकों में भी कंपनी राजस्व बकाये का मसला प्रमुखता से उठाएगी।

फरवरी में कंपनी ने अब तक की रिकॉर्ड वसूली 1000 करोड़ की है। राजस्व वसूली में वृद्धि और नुकसान कम करने के लिए कंपनी घर-घर जाकर बकाएदारों से सम्पर्क करेगी ताकि निर्बाध बिजली देने में सुविधा हो।

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