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नोटों पर नचनिया

करेंसी किसी भी देश की हो उसको लेकर सरकारों वित्त मंत्रालय व रिजर्व बैंक द्वारा कुछ नियम निर्धारित किए जाते हैं, जिससे उसका दुरूपयोग ना हो पाए। जहां तक जानकारी है, शायद इसीलिए नोटों की गडडी बनाते समय आलपिन ना लगाने और शादी विवाहों में नोटों की माला ना पहनने की बात भी की जाती है। और दूसरी तरफ देखे तो हमारी परंपरा के अनुसार आदिकाल से लक्ष्मी की पूजा की जाती है। वो चाहे सिक्कों के रूप में हो या नोटों के।

मगर आज की तारीख में देखने को मिल रहा है कि कुछ लोग जानबूझकर या नासमझी में अपनी शान शौकत दिखाने अथवा हैसियत दर्शाने के लिए विवाह बारातों में जिस प्रकार से नोट बरसाते हैं कई मौकों पर ऐसे लोगों की आलोचना जागरूक व्यक्ति करते दिखाई दिए, लेकिन अपने देश के गांवों और कस्बों में होने वाले रागिनी नौटंकी और डांस कार्यक्रमों में जब महिलाएं या उनके वस्त्र पहनकर पुरूष नाचते हैं तो कुछ दिलफेंक दूर से ही तो कुछ मंच पर पहुंच उनके ऊपर वार फेर कर नोट उड़ाते और फिर उन रूपयो पर नाचने वालों को नाचते देखा जाता है।

यह कोई कानूनी जुर्म है या नहीं यह तो जानकार ही जान सकते हैं, लेकिन मानसिक रूप से इससे कष्ट होता है कि जिस चीज से हमारे परिवार चलते हैं और हमारी क्रियाशक्ति बढ़ती है और उन्हें हम पूजते हैं ऐसी हर जरूरत के दौरान कष्टों से पार लगाने वाली करेंसी रूपी नोटों पर नाचना और उन्हें उड़ाना किसी भी रूप में उचित नहीं कहा जा सकता। मेरा मानना है कि वित्त मंत्रालय के अधिकारी और रिजर्व बैंक के गवर्नर इस संदर्भ में सभी जिलाधिकारियों को एक आदेश जारी करें और नोटों का अपमान करने वालों को चाहे उडाने वाले हो या उन पर नाचने वाले या आयोजक सबके खिलाफ भारतीय करेंसी की महत्ता और सम्मान को ध्यान में रखते हुए की जाए निर्धारित नियमों से कार्रवाई।

– रवि कुमार विश्नोई
सम्पादक – दैनिक केसर खुशबू टाईम्स
अध्यक्ष – ऑल इंडिया न्यूज पेपर्स एसोसिएशन
आईना, सोशल मीडिया एसोसिएशन (एसएमए)
MD – www.tazzakhabar.com


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