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कलीराम चन्द्राकर पब्लिक स्कूल कुरूद में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर संगोष्ठी आयोजित


 कुरुद, धमतरी(छत्तीसगढ़)। कलीराम चंद्राकर पब्लिक स्कूल में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर संगोष्ठी  आयोजित की गई, जिसके मुख्य अतिथि श्री चंद्र प्रकाश साहू विकासखंड शिक्षा अधिकारी, अध्यक्ष श्रीमती मंजू शर्मा प्राचार्या जवाहर नवोदय विद्यालय कुरूद, विशिष्ट अतिथि राजेश पाण्डेय संकुल स्रोत समन्वयक कुरूद, शारदा शरण प्राचार्य केंद्रीय विद्यालय कुरुद थे।

कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की पूजाअर्चना सरस्वती वंदना के साथ हुआ। अतिथियों का स्वागत अभिनंदन गुलदस्ते के साथ किया गया। तत्पश्चात विद्यालय के प्राचार्य देवलाल यादव के द्वारा शिक्षा नीति 2020 पर अपने विचार प्रकट किए। उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति एक ऐसी शिक्षा नीति है जिसके माध्यम से अब कोई भी व्यक्ति बेरोजगार नहीं रहेगा बल्कि अपने कौशल के माध्यम से व्यक्ति अपना जीवन यापन अच्छे से कर पाएंगे। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि शिक्षा नीति में अब विद्यार्थियों के ऊपर पढ़ाई का कोई बोझ नहीं रहेगा और वे अपनी मातृभाषा और क्षेत्रीय भाषा में कक्षा 1 से 8 तक अध्ययन कर पाएंगे।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि चंद्र प्रकाश साहू विकासखंड शिक्षा अधिकारी कुरूद ने अपने उद्बोधन में एक दृष्टांत के माध्यम से शिक्षा नीति 2020 को समझाया की किस प्रकार एक छोटा सा बच्चा अपने आस पास होने वाले गतिविधियों से सीखता है और अपने जीवन में उसको उतारता है साथ ही उन्होंने यह भी कहा की छोटा सा बच्चा 3 वर्ष की उम्र में ही मातृभाषा गणित अंग्रेजी के शब्द सीख जाता है जिसका उल्लेख शिक्षा नीति में किया गया है उन्होंने बताया की शिक्षा नीति2020 में जो बदलाव हुआ है वह निश्चित रूप से विद्यार्थियों के लिए लाभदायक सिद्ध होगा क्योंकि विद्यार्थी आप खेल खेल में शिक्षा ग्रहण करेंगे।

इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य श्रीमान शारदा शरण अपने उद्बोधन में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एक आधुनिक शिक्षा नीति है जो निश्चित रूप से एक नया आयाम स्थापित करेगा और विद्यार्थियों को इसका लाभ अवश्य मिलेगा। हम तो इस कार्यक्रम में आगे जवाहर नवोदय विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती मंजू शर्मा ने अपने विचार व्यक्त किए

 उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति एक ऐसी शिक्षा नीति2020 है जो क्षेत्रीय भाषा और मातृभाषा को महत्व प्रदान करती है और साथ ही कक्षा 8 के बाद विश्व की भाषाओं का अनुसरण करने की भी बात राष्ट्रीय शिक्षा नीति2020 के अंतर्गत किया गया है उन्होंने आगे कहां की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में पहले 3 वर्ष तक विद्यार्थियों को आंगनवाड़ी के माध्यम से शिक्षा दी जाएगी जिसमें माध्यम क्षेत्रीय भाषा होगा उसके बाद कक्षा 1 से 5 तक में शिक्षा का माध्यम मातृभाषा होगा फिर कक्षा 8 से  विश्व से जुड़ने के लिए वैश्विक भाषा अंग्रेजी पर जोर दिया गया है। इस कार्यक्रम में पधारे विशिष्ट अतिथि राजेश पांडेय ने अपने उद्बोधन में कहा की राष्ट्रीय शिक्षा नीति एक ऐसी शिक्षा नीति है जो विद्यार्थियों को उनके लक्ष्य तक लेकर जाएगा साथ ही उन्होंने कहा कि यह शिक्षा नीति केवल शिक्षा को ही महत्व नहीं देता बल्कि कौशल विकास में भी महत्वपूर्ण है उन्होंने बताया कि किस प्रकार एक उत्तम विद्यार्थी 8 घंटे पढ़ाई करके प्रवीण सूची में अपना स्थान बनाता है लेकिन कौशल विकास उसके अंदर बिल्कुल भी नहीं हुआ होता लेकिन एक अनुत्तीर्ण विद्यार्थी भी अपने कौशल से कुछ असंभव कार्य को संभव कर दिखाते हैं इसीलिए यह शिक्षा नीति2020 उस विद्यार्थी के लिए भी उपयुक्त है जो वास्तव में पढ़ाई में उत्तम नहीं होते लेकिन कौशल विकास में बहुत अग्रणी रहते हैं।

इस कार्यक्रम में कलीराम चंद्राकर पब्लिक स्कूल के विभिन्न विभाग के शिक्षकों ने भी अपने विचार रखें जिसमें विज्ञान विभाग से नमन तिवारी ने विज्ञान के दृष्टिकोण से शिक्षा नीति 2020 को प्रदर्शित किया साथ ही अंग्रेजी विभाग से एम भुवनेश्वरी ने अंग्रेजी भाषा में शिक्षा नीति 2020 क्या महत्व है और किस प्रकार अंग्रेजी भाषा की शिक्षा में यह उपयोगी है इसके बारे में बताया। वाणिज्य विभाग से यादराम साहू ने भी  राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को एक महत्वपूर्ण शिक्षा नीति बताते हुए वाणिज्य के क्षेत्र में इसका महत्व दर्शाया। साथ ही गणित विभाग से वानी चंद्राकर गणित में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 किस प्रकार लाभदायक है इसके बारे में समझाया और अपने विचार व्यक्त किए।

साथ ही सामाजिक अध्ययन विभाग से बीपी यादव ने शिक्षा नीति 2020 को महत्वपूर्ण बताते हुए  सामाजिक रूप से यह विद्यार्थियों पर कैसा प्रभाव डालेगा इसके बारे में उन्होंने अपने उद्बोधन में बताया। इसके साथ इस कार्यक्रम में हिंदी विभाग के विभाग अध्यक्ष श्रीमान आर एन चंद्राकर ने अपने उद्बोधन में कहा कि हिंदी भाषा एवं संस्कृत भाषा को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में एक महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है उन्होंने अपने उद्बोधन में आगे कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति2020  के माध्यम  से हिंदी और संस्कृत भाषा एक अलग आयाम स्थापित करेगा साथ ही जो लोग संस्कृत भाषा जो सभी भाषाओं की जननी है जिसको सभी लोग भूल चुके हैं उसके बारे में भी अध्ययन करेंगे ऐसा उन्होंने अपने विचार  व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में आगे प्री प्राइमरी विभाग से श्रीमती अति रामानी ने अपने विचार व्यक्त किए उन्होंने कहा कि किस प्रकार एक बालक जब उनके पास आता है तो उससे कोई भी भाषा नहीं आती हम उनकी भाषा को समझने की कोशिश करते हैं फिर उसके बाद एक बालक को शिक्षा देते हैं।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 संगोष्ठी का संचालन देवीचंद चंद्राकर एवं लिसा साहू ने किया साथ ही आभार प्रदर्शन नेमुराम पटेल के द्वारा किया गया। इस संगोष्ठी में विद्यालय प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष योगेश चंद्राकर विद्यालय के शिक्षक हेमंत सोनी, अश्वनी सिन्हा, शेखर गोराई, कमल नारायण यादव, रेखा सिन्हा, किरण सिंह, चंद्रिका मांझी, हीरालाल लहरें एवं विद्यालय के सभी शिक्षक शिक्षिकाएं उपस्थित रहे।

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