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लुधियाना में एक गर्भवती महिला ने अस्पताल के पार्क में जुड़वा बच्चों को जन्म दिया

लुधियाना। डॉक्टरों की ओर से लापरवाही बरतने का एक मामला प्रकाश में आया है। यह घटना लुधियाना के सिविल एक अस्पताल में हुई। एक गर्भवती महिला को प्रसव के लिए उसके पति द्वारा यहां लाया गया, लेकिन डॉक्टर ने गर्भवती महिला को दूसरे अस्पताल से जांच कराने के लिए कहा। डॉक्टरों ने गर्भवती महिला को दूसरे अस्पताल में ले जाने के लिए न तो स्ट्रेचर दिया और न ही एम्बुलेंस।

गर्भवती महिला  की  हालत सिविल अस्पताल के बाहर पार्क में ले जाए जाने पर  बिगड़ती है। इस बारे में महिला का पति डॉक्टरों से बात करने के लिए आता है, लेकिन इस बीच महिला ने अस्पताल के पार्क में जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था, लेकिन यह शर्म की बात है कि न तो डॉक्टर और न ही स्टाफ नर्स आती है।

 इस समय महिला  सिविल अस्पताल में भर्ती है, लेकिन जुड़वा बच्चों का पीजीआई में इलाज चल रहा है। संदर्भित किया गया है।  प्राप्त जानकारी के अनुसार लुधियाना के धूरी लाइन निवासी संतोष कुमार अपनी पत्नी उमा के साथ सिविल अस्पताल आए थे। उनकी पत्नी गर्भवती हैं और उनका इलाज अस्पताल के मदर एंड चाइल्ड सेंटर  में चल रहा था।

वह कल शाम करीब 4 बजे अपनी पत्नी को एडमिशन के लिए लेकर आए थे, लेकिन संतोष ने कहा कि अस्पताल के कर्मचारियों ने कहा कि डिलीवरी का समय अभी नजदीक नहीं था। इसलिए उसे अपनी पत्नी को वापस घर ले जाना चाहिए। संतोष ने यह भी कहा था कि उसकी पत्नी की हालत ठीक नहीं थी और उसकी छाती भी दर्द कर रही थी। तब एक स्टाफ नर्स ने कहा कि वह सीएमसी गई थी।

इसे अस्पताल से EKO KARVA KAR लाओ। उसने गार्ड को स्ट्रेचर और व्हीलचेयर के लिए कहा, लेकिन उसने मना कर दिया।   इसके बाद वह अपनी पत्नी उमा के साथ पैदल ही निकला। इस बीच, उसकी पत्नी की हालत खराब हो गई और वह चिल्लाते हुए पार्क में लेट गई। उसी समय, उनकी पत्नी का प्रसव हो गया। संतोष का कहना है कि यह सब अस्पताल की लापरवाही के कारण हुआ।

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