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यूपी: बीजेपी नेता की पत्नी के अंगों की गलत व्याख्या करने वाला डॉक्टर गिरफ्तार, ऑडियो वायरल

भाजपा नेता की पत्नी के खिलाफ आंतरिक अंगों की गलत व्याख्या करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है और गाली-गलौज करने वाले स्त्री रोग विशेषज्ञ को गिरफ्तार किया गया है।

डॉक्टर ने सरकार, डीएम और सीएमओ पर गाली-गलौज करने और सीएमएस पर 40 हजार माहवारी देने का आरोप लगाया था।

इसका ऑडियो भी वायरल हुआ था।
मलवां थाना क्षेत्र निवासी भाजपा नेता ने बताया कि उनकी बहू 12 नवंबर को प्रसव के लिए जिला महिला अस्पताल में भर्ती हुई थी।
प्रसव के संबंध में उसकी स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. पीके गुप्ता से बातचीत हुई थी।
डॉक्टर ने बताया कि वह 24 घंटे की ड्यूटी करके लौटे हैं।
वह प्रसव कराने नहीं पहुंच सकते। यहां उन्होंने डॉक्टरों की कमी को लेकर सरकार, सीएमओ, डीएम समेत अन्य उच्चाधिकारियों को गाली-गलौज की।
उन्होंने बातचीत की रिकॉर्डिंग एक-दो लोगों से शेयर की।


भाजपा नेता की पत्नी के आंतरिक अंगों की गलत व्याख्या करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर गाली देने वाले स्त्री रोग विशेषज्ञ को गिरफ्तार कर लिया गया है।

डॉक्टर ने सरकार, डीएम और सीएमओ पर गाली देने और सीएमएस पर 40 हजार मासिक देने का आरोप लगाया था।
इसका ऑडियो भी वायरल हुआ था।

रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी। इससे नाराज होकर 16 नवंबर की रात डॉ. पीके गुप्ता ने दूसरे नंबर से उन्हें फोन कर गाली दी।
पत्नी का पहले डॉक्टर ने इलाज किया था।
फोन पर ही डॉक्टर ने पत्नी के आंतरिक अंगों की गलत व्याख्या की।
24 घंटे में जान से मारने की धमकी दी।
भाजपा नेता ने मामले की शिकायत डीएम से की।
डीएम के आदेश पर मलवां पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।
थाना प्रभारी अभिलाष तिवारी ने बताया कि डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया है।

बीएनएस एक्ट की धारा 75(1)(iv) महिला की गरिमा और सम्मान को ठेस पहुंचाने से संबंधित है।
आरोप गैर जमानती है और इसमें 10 साल की सजा का प्रावधान है। - बीएनएस की धारा 352 के तहत जानबूझकर अपमान करना। तीन महीने से तीन साल तक की कैद या जुर्माना। - बीएनएस की धारा 351 के तहत आपराधिक धमकी।
इसमें एक साल की जेल या 15 हजार रुपये का जुर्माना हो सकता है।
जिला महिला अस्पताल के डॉ. पीके गुप्ता करीब एक सप्ताह से विवादों में घिरे हुए हैं। अस्पताल में एकमात्र सर्जन के पद पर तैनात हैं।
एक सप्ताह पहले अधिक काम के चलते अस्पताल में भर्ती हो गए और खुद को बीमार घोषित कर दिया।
अगले दिन उनके आवास में प्रैक्टिस करते हुए एक फोटो वायरल हुई। इसके बाद ऑडियो क्लिप में डॉ. गुप्ता आपा खोते नजर आए। जिला प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए, हैरानी की बात यह रही कि जांच की जिम्मेदारी सीएमएस डॉ. पीके सिंह को सौंपी गई।
डॉ. पीके गुप्ता ने उन पर 40 हजार रुपये महीने की छुटभैय्या देने का आरोप लगाया है।

इससे जांच की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं। इस मामले में सीएमओ डॉ. राजीव गिरी का कहना है कि डॉक्टर होने के नाते ऐसी भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
मामले से स्वास्थ्य सहायक निदेशक को भी अवगत करा दिया गया है। सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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