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नैतिकता के अभाव में मनुष्य का आंकलन संभव ही नहीं कुलपति डॉ बलराज सिंह

श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर में यूजी पाठ्यक्रम में नव दाखिल छात्र एवं छात्राओं के दीक्षारंभ कोर्स पाठ्यक्रम के दौरान कुलपति डॉ बलराज सिंह ने " छात्रों के बेहतर भविष्य के लिए नैतिकता, जिम्मेदारी और "सोशल मीडिया के उपयोग " विषय पर एक दिवसीय संवाद किया। डॉ बलराज सिंह ने कहा कि नैतिकता के अभाव में मनुष्यता का आंकलन करना संभव नहीं है, नैतिकता व्यक्ति के विकास में एक सीढ़ी है, जिसके सहारे हम अपने जीवन में आगे बढ़ते हैं। कुलपति डॉ बलराज सिंह ने बताया कि स्मार्टफोन का प्रयोग छात्रों की मेंटल और ब्रेन हेल्थ दोनाें को नुकसान पहुंचाता है, छात्रों को शिक्षा व अनुसंधान के लिए स्मार्टफोन के बजाय लैपटॉप व कंप्यूटर का प्रयोग करना चाहिए।
डॉ बलराज सिंह ने कहा कि जीवन को सफल बनाने के लिए दैनिक जीवन में ईमानदार, विश्वसनीयता होना जरुरी है जो बचपन से ही शुरू होनी चाहिए। छात्रों में नैतिक मूल्य उन्हें सही रास्ते पर ला सकते हैं, तथा उन्हें एक मजबूत चरित्र के साथ एक सुखद व्यक्तित्व बनाने में मदद करते हैं। कम उम्र से ही, हर बच्चे या छात्र को अच्छे नैतिक मूल्यों और एक ईमानदार नैतिक दिशा-निर्देशों ‌को अपनाने की जरुरत है, साथ ही डॉ बलराज सिंह ने कहा कि अच्छे व्यवहार से छात्रों को प्रोत्साहित करना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि एक छोटे बच्चे को सभी लोगों का सम्मान करना चाहिए, चाहे उनकी उम्र, धर्म, राष्ट्रीयता, विश्वास या दृष्टिकोण कुछ भी हो। साथ ही कहा कि दूसरों के प्रति सम्मानपूर्वक बोलकर एक अच्छे व्यवहार का उदाहरण स्थापित करना चाहिए, साथ ही अपने माता-पिता, शिक्षकों और अन्य लोगों के प्रति सच्चा होना एक अच्छे छात्र के गुण को प्रदर्शित करता है । छात्र को यह भी सीखना चाहिए कि अपनी गलतियों को छिपाने के लिए झूठ बोलने के बजाय उन्हें ईमानदारी से स्वीकार करना बेहतर गुण प्रदर्शित करता है |साथ ही कड़ी मेहनत हर छात्र के जीवन में सकारात्मक भूमिका निभाती है, डॉ बलराज सिंह ने कहा कि हर छात्र में जिम्मेदारी व सामाजिक भावना विद्यमान होनी चाहिए जैसे अपने बर्तन धोना, जूतों को निर्धारित स्थानों पर रखना, पानी की बचत करना, दूसरों की मदद करना, साफ सफाई के लिए हर संभव मदद के लिए आगे आना व एक नियमित दिनचर्या का पालन करना इत्यादि। जिन्हें आप अपने घर व शिक्षण संस्थान में अपना सकते हैं। सहायक प्रोफेसर डॉ बी एस बधाला ने बताया कि इस कार्यक्रम से 109 छात्र एवं छात्राएं लाभान्वित हुए |

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