भावपूर्ण श्रद्धांजली रतन टाटा जी
विशाल हृदय का आदमी जब ताज होटेल पर. दहशवादी हमला हुआ तो सबसे पहले रतनजी अपने एम्प्लॉयी का संपर्क करने लगे लेकिन कोई सब संपर्क तूट से गये थे तब वे अपनी गाडी से खुद ताज पहुचे और अंदर जाने लगे तो सुरक्षा कर्मी ने उन्हे मना किया क्योंकी खतरा ज्यादा था तभी उन्होने प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी से संपर्क करके कहा की ............. मेरी पुरी प्रॉपर्टी बॉम्ब से उडा दो लेकिन एक भी दहशत वादी बचना चाहिये,और मेरे कर्मचारी सुरक्षित होने चाहिये . उनको अपनी कर्मचारी के प्रति वृथा अभिमान था, देश के लिये कुछ भी करणे के प्रति वो कटींबद्ध थे उनका देश के प्रति प्यार सन्मान जाहीर है ऐसे ऋषींतुल्य जो करोडो लोगोंके पोशिंदा थे उनको शत शत प्रणाम हृदय पूर्वक भावपूर्ण श्रद्धांजली