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शताब्दियों बाद जागा शक्ति का प्रतापनवरात्रि में होंगे नो दिनों तक गरबा रास व धार्मिक अनुष्ठान

शताब्दियों बाद जागा शक्ति का प्रताप,तो वर्तमान में श्रद्धा भक्ति और आस्था से ओतप्रोत हो रहा 64 जौगनिया सरोना धाम

(नवरात्रि में होंगे नो दिनों तक गरबा रास व धार्मिक अनुष्ठान )

विज्ञान चाहें कितना भी सफ़र तय कर लें अणु शक्ति से लेकर परमाणु शक्ति की क्षमता भले ही हासिल करले लेकिन ईश्वरीय शक्ति के आगे सब को नत मस्तक होना ही पड़ता है! जंहा विज्ञान विवश होता है वंहा ईश्वरीय शक्ति का संचार होना स्वाभाविक है हमारे हिन्दू धर्म में वेदों पुराणों उपनिषदों जैसे अनेक ग्रंथ है जिसके चलते हम श्रद्धा भक्ति और आस्था को बढ़ावा देते हैं आदिकाल से सनातनी भजनों को गा कर ईश्वर को याद करते हैं,जब हम श्रद्धा भक्ति और आस्था से भजन गाते हैं तों हमारे शरीर में नई क्रान्ति का संचार होता है हम भजनों के लय सुर ताल में इतने लीन हो जाते हैं की थकें पेर हो या उम्र का पड़ाव या फीर जंजीरों में जखडे हम उन ईश्वरीय भजनों इतने खो जाते हैं की नाचने झुमने लगते हैं, हमारे भारत देश में अनेकों मठ्ठ व शक्ति पीठ मंदिर है जो इतिहास के पन्नों में दर्ज है,आज हम एक ऐसे ही चमत्कारी मंदिर पर पाठकों तक हमारी क़लम से अवगत करा रहें हैं राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ उप खंड क्षेत्र के खेड़ा धरती घाटा क्षेत्र के मध्यप्रदेश की सिमा से सटे पुलिस थाना पाटन से महज़ तीन किलोमीटर दूर सरोना गाव में जंहा शक्ति पीठ 64जौगनिया का चमत्कारी मंदिर है किदवंती अनुसार यह मंदिर द्वापरयुग का बताया गया है,जब महा भारत काल में जब पांडवों को अज्ञात वास मीला तब पांडवों ने अलग-अलग रुप बनाकर वनवास भोगा,उस दौरान पांचों पांडव माता कुंती व द्रोपती को लेकर अज्ञात वास के समय बांसवाड़ा के नजदीक घोटीया आम्बा में आएं तथा सभी ने भगवान शिव की पुजा अर्चना कर घौर जप तप किया जंहा से भगवान शिव ने पांडवों को शक्ति पीठ 64जौगनिया सरोना में आराधना करने को कंहा पांचों पांडव घोटीया आम्बा से वन भ्रमण कर कर्ण घाटी आए ,जब कर्ण को पता चला कि पांचों पांडव मील गए कर्ण अपनी सेना लेकर अज्ञात वास भंग करने आया पर कर्ण दिग भ्रमित हो ख़ाली हाथ वापस लोट गया,व पांचों पांडव का अज्ञात वास भंग नहीं कर पाया,कर्ण घाटी से महज आधा किलोमीटर दुरी पर पांचों पांडवों ने अलग-अलग टेकरीयो पर बैठ कर घौर तपस्या शुरू की जो आज भी पांचों डुंगरिया विधीमान है जो पांच डुगरी के नाम से जानी जाती हैं यहीं से पांचों पांडव शक्ति पीठ 64जौगनिया सरोना धाम आए व मातारानी 64जौगनिया की गहन उपासना की व महाभारत में यंही से विजय का आर्शीवाद लिया,,अनेक वर्षों से यह पवित्र धाम शने शने अपने अस्तित्व में आया,और इस धाम के चमत्कारों के सच्चे किस्से जन मानस में छाने लगे आज यह पवित्र धाम जन मानस को आक्रशित कर मातारानी 64जौगनिया सरोना की और खींच लाता है सरकार व पुरातत्व विभाग की इस शक्ति पीठ 64जौगनिया सरोना धाम उपेक्षा का शिकार रहा मगर पिछले 15सालो से यह पवित्र धाम जन आस्था का केंद्र बन गया,यंहा पर पुर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया,पुर्व दिवगंत मंत्री जीतमल खाट,पुर्व मंत्री महेंद्र जित सिंह मालवीया,पुर्व विधायक फतेहसिंह डामोर पुर्व संसदीय सचिव भीमाभाई डामोर,व वर्तमान विधायक श्रीमती रमिला हुरतिंग खड़िया सहित अन्य राजनीतिक दलों के जन प्रतिनिधि व अनेकों प्रसासनिक अधिकारी भी यंहा आकर अपना मत्था टेक कर पुजा अर्चना कर गए,इस धाम पर आज करोड़ों का निर्माण कार्य जारी है मंदिर परिसर के व्यवस्थापक डाक्टर मधुसूदन शर्मा जो पेशे से आर्युवेदिक औषधालय मुंदडी में अपनी सेवा दे रहे हैं जिन्होंने ने अपने तथा श्रद्धालु ओ को समय-समय पर पवित्र धाम के नव निर्माण में नीव के पत्थर साबित होते दिखाई दे रहे हैं यंहा पर जमीन में दबी प्रतिमाएं निकली जिसको संजोके मंदिर के पीछे संभाल कर रखा गया है ज़मीं से नीकली मातारानी 64जौगनिया बाल हनुमान, महिशासुर मर्दानी,व विष्णु भगवान की प्रतिमा खंडित थी पर शिल्पकारों को बुलाकर दुबारा प्रतिमाओं को नया रूप दिया एक करोड़ की लागत से यंहा मंदिर निर्माण कार्य चालू हे बांसी पहाड़ पुर से लाएं गए पत्थरो से मंदिर बनवाया जा रहा है यंहा राजस्थान मध्यप्रदेश व गुजरात सहित अन्य प्रदेशों से मातारानी के दर्शनार्थ लोग आते हैं इस पवित्र धाम की खासियत है कि निसंतान दंपती, लकवाग्रस्त लोग इस धाम से सुधर कर जाते हे यंहा दो धर्मशाला भी है,हर नवरात्रि व हर रविवार को यंहा भक्तों का हुजूम उमड़ता है,इस पवित्र धाम पर जौगनिया महिमा पर एक लघु फिल्म भी बनाई गई जिसमें रिपोर्टर धर्मेन्द्र सोनी , श्रीमती रमीला पांचाल, सहित अन्य लोगों ने अपने किरदार निभाए,यहा पर 64 जौगनिया अष्टक व चालीसा भी लीखी गई है तथा यहां विराट कवी सम्मेलन का आयोजन भी होता है मंदिर समिति के व्यवस्थापक डाक्टर मधुसूदन शर्मा ने बताया कि इस वर्ष भी शक्ति पीठ पर नवरात्रि में गरबा रास पुजा अर्चना व धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जाएगा,जो नो दिनों तक चलेगा

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