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भंडारा अस्पताल आग का मामले में सिविल सर्जन के साथ तीन निलंबित, तीन स्वास्थ्य कर्मचारियों की सेवा समाप्त : स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे

भंडारा (महाराष्ट्र)। भंडारा जिले के सामान्य अस्पताल में आग लगने के मामले में एक डॉक्टर सहित तीन स्वास्थ्य कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है और तीन स्वास्थ्य कर्मचारियों की सेवा को समाप्त कर दिया गया है।  9 जनवरी को अस्पताल की नवजात इकाई में आग लगने से दस बच्चों की मौत हो गई थी।  राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि एक डॉक्टर सहित तीन स्वास्थ्य कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है, जबकि तीन स्वास्थ्य कर्मचारियों  की सेवा को समाप्त  कर दिया गया है।  इन सभी को कर्तव्य की उपेक्षा के लिए दोषी ठहराया गया है।

 भंडारा अस्पताल में आग लगने के बाद नागपुर संभागीय आयुक्त संजीव कुमार की अध्यक्षता में एक जांच की गई।  इस समिति की रिपोर्ट कल देर रात आई।  इसके बाद, उन्होंने मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री और अधिकारियों से चर्चा की, स्वास्थ मंत्री राजेश टोपे ने कहा।
कर्तव्य की उपेक्षा के लिये कार्रवाई की गयी 
 डॉ। प्रमोद खंडाते, सिविल सर्जन - निलंबित
 डॉ  सुनीता बडे, अतिरिक्त सिविल सर्जन- स्थानांतरण
 अर्चना मेश्राम, चिकित्सा अधिकारी- निलंबित
 सुशील अंबडे, बाल रोग विशेषज्ञ - सेवा समाप्त
 ज्योति भारस्कर, नर्स प्रभारी - निलंबित
 स्मिता आंबिलडूके, स्टाफ नर्स - सेवा समाप्त
 शुभांगी साठवणे, स्टाफ नर्स - सेवा समाप्त

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