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पेट्रोल पंप कंपनियों व जिला पूर्ति विभाग के अफसर क्या कर रहे हैं, डीजल, मोबिल ऑयल पेट्रोल महंगा, उपभोक्ता के लिए निर्धारित सुविधाएं हैं नदारद


मेरठ (संवाददाता)। वर्तमान समय में पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं और यह ताज्जुब ही है कि पूर्व में जब इनकी कीमतों में इजाफा होता था तो राजनीतिक दल के कार्यकर्ता हंगामा उतार देते थे लेकिन वर्तमान में बड़े स्तर पर कहीं ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है जबकि आम उपभोक्ताओं पर महंगाई का भारी असर पड़ने से आर्थिक दबाव बन रहा है।

इतना कुछ होने के बावजूद आम उपभोक्ता को पेट्रोल पंपों पर जो सुविधाएं मिलनी चाहिए उनमें से एक चौथाई भी उपलब्ध नहीं है। और अगर कहीं कुछ हैं तो वह स्तरीय नहीं है। लेकिन कीमतों को नियंत्रित करने तथा पेट्रोल डीजल के मानकों को बनाए रखने और यह देखने कि जो सुविधाएं मिलनी चाहिए वह मिल रही हैं या नहीं जिम्मेदार जिला पूर्ति विभाग इस ओर से लापरवाह बना हुआ है। बताते हैं कि इस संदर्भ में जिला आपूर्ति अधिकारी नीरज सिंह का कहना है कि पेट्रोल पंपों के लिए निर्धारित मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है तो जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। सवाल यह उठता है कि वो कब जांच कराएंगे और कब कार्रवाई करेंगे।

पेट्रोलियम कंपनियों ने पेट्रोल पंपों पर सुरक्षा और ग्राहकों की सुविधा के लिए मानक तो निर्धारित किए और फिर उन्हें शायद भूल गईं। नतीजा, शहर के कई पंपों पर न तो पीने के पानी की उचित व्यवस्था है और न ही हवा का इंतजाम है। खास बात यह है कि इन व्यवस्थाओं को बनाये रखने की ताकत आम व्यक्ति को दी गई, लेकिन वह भी इससे अंजान ही रहे। ग्राहक को दिए गए विशेष अधिकार पेट्रोल पंप के लिए निर्धारित मानक को बनाये रखने का जिम्मा पेटोलियम कंपनी के अफसरों का है, लेकिन इन मानकों को लेकर आम नागरिक भी सवाल कर सकता है। पंप संचालक से किसी तरह की शिकायत है तो शिकायत पेटिका में लिखकर डाल सकता है या फिर रजिस्टर में दर्ज कर सकता है।


यह व्यवस्था होनी चाहिए
-फ्री हवा भरने की व्यवस्था। इसके लिए अलग से आदमी रखा होना चाहिए .आपातकालीन चिकित्सा फस्र्ट एड बाॅक्स होना चाहिए . पीने के स्वच्छ पानी और टाॅयलेट की व्यवस्था होनी चाहिए .फोन काल की व्यवस्था, ताकि इमर्जेंसी में कोई भी एक काॅल निःशुल्क कर सके . शिकायत पेटिका/रजिस्टर, ताकि किसी को कोई शिकायत या सुझाव देना हो तो दे सके . कीमत जानने का अधिकार भी यहां होता है। कोई भी कीमत जान सकता है। 

फायर सेफ्टी डिवाइस जरूरी - बिल व्यवस्था के तहत कोई भी ग्राहक बिल ले सकता है। कर्मचारी उसे मना नहीं कर सकता। 

दिल्ली रोड पर आमने सामने दो अलग अलग कंपनियों के पंप हैं। यहां हवा की विशेष कोई व्यवस्था नहीं है।

पंचर लगाने वाला जितने समय रहता है, उतने समय हवा मिल पाती है। अमूमन शाम छह बजे के बाद यहां हवा मिलनी बंद हो जाती है। एक पंप का वाटर कूलर लंबे समय से खराब है। बेगमपुल से सटे कई पेट्रोल पंप हैं। यहां किसी भी पेट्रोल पंप पर न तो शिकायत पेटिका ही दिखाई दी और न ही शिकायत रजिस्टर। पूछने पर एक कर्मचारी बोला किन आज तक किसी ने शिकायत पेटिका पूछी और न रजिस्टर, इसलिए उनकी जरूरत ही महसूस नहीं हुई।

बढ़ती महंगाई के चलते आर्थिक मार झेल रहे उपभोक्ताओं को पेट्रोल पंपों पर निर्धारित सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों से उच्चस्तरीय अफसरों को जवाब तलब कर उन्हें जागरूक करते हुए आम उपभोक्ता को उसका अधिकार दिलाने का प्रयास करते हुए पेट्रोल पंप संचालक कंपनियों के अधिकारियों तथा जिला पूर्ति अफसर से पूछा जाना चाहिए कि आखिर उनके द्वारा  इस संदर्भ में अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई और आम आदमी के उत्पीड़न की अनदेखी के पीछे क्या कारण छुपा है। पता कर कार्रवाई की जाए । ऐसा नागरिकों का मानना है। 

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