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भू-अर्जन विभाग की लापरवाही से सैकड़ों किसानों का मुआवजा वर्षों से लंबित, विभाग की आनाकानी, किसान परेशान, सीओ ने दिया शीघ्र भुगतान का आश्वासन



लदनियां(मधुबनी)। पथ निर्माण विभाग द्वारा N.H.-104 (वर्तमान 227B) द्वारा भूमि अधिग्रहण को लेकर प्रकाशित गजट के बावजूद भू-अर्जन विभाग की लापरवाही से पद्मा और कुमरखत मौजे से सैकड़ों किसान मुआवजा से वंचित है और अभी तक अपने लिए न्याय की राह देख रहे हैं। विगत वर्षों में तीन-तीन बार विभिन्न समाचार पत्रों में गजट प्रकाशित हुआ था लेकिन सरकार के विभागीय जटिलताओं के कारण किसान अपने मुआवजा से वंचित हैं। जयनगर अनुमण्डल अंतर्गत लदनियां प्रखण्ड के पद्मा और कुमरखत मौजे से लगभग 250 किसान पिछले 5 वर्षों से अपने अधिकारों के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाते थक गए हैं।

अधिग्रहित जमीन को मजिस्ट्रेट और पुलिस बलों की उपस्थिति में जेसीबी द्वारा खाली कराया गया है और जिनलोगों का जमीन है उनका कहना है कि जमीन पर कब्जा के लिए सरकारी पदाधिकारी तो आ गए हैं लेकिन किसानों को मुआवजा क्यों नहीं उपलब्ध कराया गया है।
सरकारी विभाग और पदाधिकारी मुआवजा देने से आनाकानी क्यों कर रहे हैं। जबकि पटना उच्च न्यायालय के वाद संख्या 273/2019 में याचिका दायर करने वाले सिर्फ 19 किसानों को भू-अर्जन विभाग द्वारा न्यायालय के आदेश पर मुआवजा राशि का भुगतान किया गया है। शेष किसान अभी भी न्याय की आस में चप्पल घिस रहे हैं।


सर्वे एवं भू-अर्जन पदाधिकारी तथा एनजीओ के गलत सर्वे के कारण कई दुकानदारों को उनके दुकान हस्तांतरण करने का मुआवजा भी नहीं मिल पाया।

हालांकि इस अधिग्रहित जमीन पर सरकारी कब्जा के समय मौजूद लदनियां अंचलाधिकारी निशीथ नन्दन ने  मुआवजे से वंचित किसानों को भूमि अधिग्रहण राशि शीघ्र दिलाने का आश्वासन दिया है।

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