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हर्षोल्लास के साथ मना अंजनी नन्दन का अवतरण दिवस

वाराणसी। धनतेरस के साथ सम्पूर्ण उत्तर भारत में शुक्रवार को वर्ष में दूसरी बार हनुमान जयंती भी मनाई गई।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हनुमान जी का जन्मदिन एक वर्ष में दो बार मनाने का कारण है कि कर्क राशि से दक्षिणवासी इनका जन्मदिन चैत्र पूर्णिमा को मानते हैं, जबकि कर्क राशि से उत्तरवासी हनुमान जी का जन्म कार्तिक कृष्णपक्ष चतुर्दशी को मानते हैं।

भगवान हनुमान का जन्म कृष्ण पक्ष चतुर्दशी मंगलवार को स्वाति नक्षत्र की मेष लग्न और तुला राशि में हुआ था। हनुमान जी बाल्यकाल से ही तरह-तरह की लीलाएं करते थे। एक दिन उन्हें ज्यादा भूख लगी तो सूर्य को मधुर समझकर उसे अपने मुंह में भर लिया। जिसके कारण पूरे संसार में अंधेरा छा गया। इसे विपत्ति समझकर इंद्र भगवान ने हनुमान जी पर व्रज से प्रहार किया। इसके प्रभाव से उनकी ठोड़ी टेढ़ी हो गई। यही वजह है कि इनका नाम हनुमान पड़ा।

इसी क्रम मे वाराणसी के बरेमा गाँव में कोरोना के प्रकोप के बीच शुक्रवार को प्राचीन हनुमान मंदिर में हनुमान जयंती सौहार्द और सावधानी पूर्वक मनाया गया। भगवान का श्रंगार, हवन, सुन्दकाण्ड के बाद प्रसाद वितरित किया गया।आयोजन नमो नमः सेवा दल के कार्यकर्ताओं ने किया।इस मौके पर अध्यक्ष रंजीत तिवारी ने भगवान से कोरोना के प्रकोप से जल्द राहत और सुख शांति की प्रार्थना की। इस मौके पर शिवम,धीरज तिवारी,किशन ,हेमंत, दाऊ तिवारी,राजबली तिवारी,मोनू,रिसु, छोटू तिवारी मौजूद रहे।

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