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तेज तर्रार पुलिस अफसर उझानी के सीओ ​अनिरुद्ध सिंह का कार्यक्षेत्र बदला

बदायूँ (उत्तर प्रदेश)।  बावरिया गिरोह के गाँव को सुधारने का संकल्प लेने वाले तेजतर्रार पुलिस अफसर सीओ उझानी अनिरुद्ध सिंह का एसएसपी संकल्प शर्मा ने अचानक कार्यक्षेत्र बदल दिया है। अब वह बिल्सी सर्किल के सीओ होंगे। इन्होंने बॉलीवुड में संजय दत्त व अजय देवगन के साथ एक फ़िल्म काम किया है जिसमें एक तेजतर्रार पुलिस अफसर की भूमिका अदा की है।

 सीओ अनिरुद्ध सिंह ने उझानी सर्किल का चार्ज लेते ही क्षेत्र में खनन व कच्ची शराब के अवैध कारोबार को खत्म करने का बीड़ा उठाया और कामयाब भी हुए, लेकिन खादी का चोला ओढ़े शराब व खनन का अवैध कारोबार करने वालों को चुभने लगे थे और नतीज़तन उनका कार्यक्षेत्र बदल ही गया।

उझानी से 20 किलोमीटर  दूर कछला में गंगा की धारा बहती है। वहाँ बालू के सरकारी ठेके होते हैं और इसी की आड़ में गाँव-देहात से लगी रेतीली भूमि से गंगा के रेत का अवैध कारोबार होता है। इस पर सीओ ने रोक लगाकर कड़ी कार्रवाई की। इससे खनन माफ़िया को आर्थिक चोट पहुंची।इसी के साथ बीते दिनों थाना कादरचौक के क्षेत्र का कच्ची शराबव बावरिया गिरोह के लिए बदनाम धुनुपूरा गांव अवैध शराब कारोबारियों के लिए आमदानी का एक बड़ा जरिया था, जिसको बदलने का बीड़ा सीओ अनिरुद्ध सिंह ने उठाया।

बता दें कादरचौक थाना इलाके का बेहद संवेदनशील गांव धनुपुरा गैर प्रांतों तक बदनाम है। यहां का बावरिया गिरोह देशभर में आपराधिक वारदातों को अंजाम देता है। घरों में कच्ची शराब बनाने और उसकी तस्करी का कारोबार कई पीढ़ियों से चल रहा है। सरकारें बदलीं, अधिकारी बदले और सभी ने इस कारोबार पर रोक लगाने में पूरी ताकत झोंक दी, लेकिन वक्त के साथ यह कारोबार यहां जड़ें जमाता चला गया, जबकि इस बार सीओ की पहल पर पुलिस ने सख्ती के साथ जागरूकता फैलाई तो लोग खुद भीतर से टूट गए।

भारी मात्रा में शराब बनाने के उपकरण लेकर बच्चे और युवा आए और पुलिस के हवाले कर दिए। इस दौरान सीओ उझानी द्वारा किये गए प्रयास कामयाब होते दिखाई दे रहे थे, उधर महिलाओं का कहना था कि बेटे आपराधिक घटनाओं को अंजाम देते हैं, उनकी जमानत का खर्चा उठाने के लिए कोई जरिया नहीं है। उधार कोई देता नहीं, इसलिए किसी न किसी तरह जमानत कराने के लिए यह कारोबार करना पड़ता है। बेटियां पढ़ना चाहती थीं। गांव की कई बेटियां भी खुलकर सामने आ गईं। कहा, वो पढ़-लिखकर कुछ बनना चाहती हैं, लेकिन पिता और भाई कच्ची बनाकर बेचने और पीने में ही जुटे रहते हैं। इसलिए वो आज भी निरक्षर हैं। सीओ ने उन्हें पढ़ाने के लिए अधिकारियों से वार्ता करके व्यवस्था कराने का आश्वासन दिया था।

साथ ही उनके पिता और भाइयों को हिदायत भी दी गई कि कच्ची के चक्कर में पड़े तो कार्रवाई होगी। परिणाम स्वरूप सीओ के साथ पूरा सिस्टम सुधारने में जुटा गया इस गांव को सुधारने के लिए आधार कार्ड बनबाने के साथ ही सभी सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाने की कोशिश की जा रही थी। इसी दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना से लेकर शौचालय निर्माण व पुष्टाहार वितरण में भी धांधली उजागर हो रही थी। 

अनिरुद्ध सिंह के तबादले के बाद उझानी क्षेत्र में सुधर रहा सिस्टम आगे भी सुधार की तरफ अग्रसर रहेगा अथवा नहीं, यह आने वाला समय बतायेगा।

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