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अनुसूचित जाति वर्ग के लघु उद्योगपतियों के लिए सरकार ने समय-समय पर अनेक योजनाएं क्रियान्वित की हैं। इन योजनाओं का उद्देश्

अनुसूचित जाति वर्ग के लघु उद्योगपतियों के लिए सरकार ने समय-समय पर अनेक योजनाएं क्रियान्वित की हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य अनुसूचित जाति से संबंधित लोगों को कारोबार करने के लिए ऋण मुहैया करवाना है ताकि वे अपना रोजग़ार स्थापित कर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकें। उपायुक्त सुशील सारवान के अनुसार लघु व्यवसाय योजना का उद्देश्य अलग-अलग उद्योगों को स्थापित करने के लिए ऋण मुहैया प्रदान करना प्रमुख रूप से शामिल है।
उपायुक्त सुशील सारवान के अनुसार लघु उद्योग में स्व रोजग़ार सर्जन की अपार संभावनाएं हैं। राज्य सरकार ने समय-समय पर अनूसूचित जाति के लिए सरकार अनेक योजनाएं प्रारंभ कि हुई हैं। वर्तमान में बहुत से अनुसूचित जाति के लघु उद्योगपति सरकार की इन योजनाओं के साथ जुडकऱ इन योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी स्थिति मजबूत कर रहे हैं।
उपायुक्त सुशील सारवान के अनुसार अनुसूचित जाति वर्ग के लघु उद्योगपतियों के लिए प्रारंभ की गई लघु व्यवसायी योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कत्र्ता के कुछ शर्तें रखी गई है इनमें आवेदन कत्र्ता अनूसूचित जाति से संबंधित हो व हरियाणा का मूल निवासी हो। आवेदन कत्र्ता की आयु कम से कम 18 से 15 वर्ष होनी जरूरी है।
उपायुक्त सुशील सारवान के अनुसार कम से कम 50 प्रतिशत आवेदकों को 50 प्रतिशत की पारिवारिक वार्षिक आय 1.50 लाख रूपये और शेष 50 प्रतिशत आवेदकों की पारिवारिक वार्षिक आय 3 लाख रूपये तक होना जरूरी है। उपायुक्त के अनुसार गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन कर रहे प्रार्थियों को योजना लागत का 50 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है। अनुदान की अधिकतम सीमा 10 हजार रूपये तक निर्धारित की गई है।

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