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कोटा उत्तर में खुलेआम बिक रही अवैध भांग, कार्रवाई को लेकर ज्ञापन • आयुक्त सुनीता डागा व जिला आबकारी अधिकारी की भूमिका

कोटा उत्तर में खुलेआम बिक रही अवैध भांग, कार्रवाई को लेकर ज्ञापन
• आयुक्त सुनीता डागा व जिला आबकारी अधिकारी की भूमिका संदिग्ध, कलेक्टर के पास पहुंचे तथ्य और वीडियो

कोटा, 20 जुलाई। एक और सरकार जीएसटी व अन्य करों के माध्यम से टेक्स वसूल रही है किन्तु दुसरी और सरकार को खुद अपना ही महकमा रोजाना लाखों का चूना लगा रहा हैं। कोटा आबकारी विभाग अपने रवैए से लापरवाह है। शहर के कोटा उत्तर क्षेत्र में बिना निलामी/आंवटन या आदेश के बावजूद धड़ल्ले से अवैध भांग का खुला व्यापार संचालित किया जा रहा है। यह नियम विरुद्ध कार्य स्थानीय अफसर और अधिकारियों की शह पर किया जा रहा है। कोटा उत्तर में कुल 20 सरकारी भांग के ठेके है जो आबकारी विभाग के अधीन आते हैं। मामले की सम्पूर्ण जानकारी जिला आबकारी आयुक्त श्रीमती सुनीता डागा एवं जिला अधिकारी दुर्गा शंकर मीणा को होने के बावजूद भी कोई कार्रवाई ना होना संदेह की स्थिति पैदा करता है।

इस मामले को लेकर सोमवार को सार्वजनिक हितों को देखते राष्ट्रीय पत्रकार कल्याण परिषद के प्रभारी रमेश गांधी और ऑल इंडिया मीडिया एसोसिएशन कोटा कमेटी प्रभारी रवि सांवरिया के नेतृत्व में पत्रकारों ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर बृजमोहन बैरवा को ज्ञापन सौंपा। जिसमें खुलेआम भांग के अवैध कारोबार पर रोक व लापरवाही से राजस्व नुकसान करने वाले अफसरों पर उचित कार्यवाही की मांग की गई है। मौके पर इस मामले से जुड़ी जनहित से प्राप्त शिकायतों से भी एडीएम को अवगत करवाया गया।

शहर में इन दिनों हर गली-चौराहों पर खुलेआम भांग मिल रही है। शहर में कहीं भी एक छोटी सी गुमटी या दुकान में आराम से भांग मिल जाती है। आबकारी विभाग शराब की दुकानों की तरह ही भांग की दुकानें भी आवंटित करता है और इसकी पूरी प्रक्रिया होती है। लेकिन भांग के आंवटन की पूरी व्यवस्था व इसकी निगरानी व्यवस्था में ही भांग घुली हुई है। चौंकाने वाली बात यह है कि कोटा जिले में आबकारी विभाग की ओर से मात्र 50 दुकानें ही भांग की बिक्री के लिए आवंटित हैं, जबकि इससे ज्यादा दुकानें तो अकेले कोटा उत्तर में अवैध रूप से संचालित हो रही है।

अवैध माफिया इतने चालाक है कि भांग की, खुलेआम अधिकारों की छूट के बावजूद भी वह खुद के पांव बचाकर चल रहे हैं और सरकारी भांग की दुकान के पास ही मौजूद छोटी-मोटी गुमटियों से भांग के अवैध व्यापार को चला रहे हैं ऐसे में इस प्रकार के शातिर माफियाओं पर जिला प्रशासन कैसे कार्रवाई करता है यह अपने आप में एक बहुत बड़ी चुनौती होगी।

वरिष्ठ समाजसेवी पत्रकार रमेश गांधी ने एडीएम के समक्ष अवैध कारोबारियों के काले कारनामों पर लगाम लगाने की बात कही, उन्होंने कहां इस प्रकार सरकार के हवाले से जनहित के धन का गबन और लूट हो रही है। अफसर अधिकारी अपने जेबें भरने के लिए सरकार के खजाने में सुराग कर रहे हैं। ऐसा चलता रहा तो भ्रष्टाचार की प्रकाष्ठा होगी, जनता अपने अधिकार के लिए आंदोलन करेगी। ऐसे में सरकार को अवैध माफियाओं पर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। गहन जांच होनी चाहिए। इस मौके पर महेंद्र मेरोठा, राहुल चतुर्वेदी, दिनेश चौहान, मलखान यादव उपस्थित रहे।

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