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बीकानेर के वैष्णोधाम मंदिर में इन दिनों 18 फीट ऊंचा शिवलिंग आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इसे गुजरात के आठ पंडितों ने मिल

बीकानेर के वैष्णोधाम मंदिर में इन दिनों 18 फीट ऊंचा शिवलिंग आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इसे गुजरात के आठ पंडितों ने मिलकर सवा लाख पंचमुखी रुद्राक्ष से तैयार किया गया है। सावन मास समाप्त होने के साथ ही ये सभी रुद्राक्ष श्रद्धालुओं में वितरित कर दिए जाएंगे।
गुजरात के आठ पंडित पिछले दिनों बीाकनेर आए और वैष्णोधाम मंदिर में शिवलिंग बनाने की इच्छा जताई। इस पर मंदिर प्रशासन ने अनुमति दे दी। मंदिर के मुख्यद्वार पर ही वापी गुजरात से आए पंडितों ने शिवलिंग बनाने का काम शुरू किया और आठ दिन में इसे तैयार कर दिया। सावन मास से पहले ही शिवलिंग बनकर तैयार हो गया। 18 फीट ऊंचे शिव लिंग पर जलधारा से अभिषेक करने के लिए बकायदा लोहे की सीढ़ियां लगाई गई है। तीन पंडित हर वक्त यहां जलाभिषेक करते समय मंत्रोचारण करते हैं।

पंडित चिरंजनभाई शास्त्री ने बताया कि न्याय ज्योति चेरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से शिवलिंग बनाने का काम किया जाता है। ये संस्था आदिवासी और गरीब परिवारों के लिए काम करती है। शिवलिंग पर आने वाली धनराशि उन्हीं के काम आएगी। हर साल किसी न किसी शहर में इसी तरह शिवलिंग बनाया जाता है।
नेपाल के हैं रुद्राक्ष
शास्त्री ने बताया कि ये पंचमुखी रुद्राक्ष नेपाल से लिए गए हैं। एक एक रुद्राक्ष को पूजन के बाद शिवलिंग के रूप में चढ़ाने का काम हुआ है। करीब साढ़े छह लाख रुपए की लागत से ये शिवलिंग तैयार किया गया है। सावन खत्म होने के बाद ये रुद्राक्ष भक्तों में वितरित कर दिए जाएंगे। इसके लिए कोई भी भक्त यहां अपना नाम और पता लिखवा सकता है। सावन के बाद इन्हें प्रसाद के रूप में भक्तों के घर पहुंचा दिया जाएगा। मंदिर से भी भक्त ले सकते हैं।
धर्म का प्रचार कर रहे हैं
शास्त्री ने बताया कि जगह-जगह रुद्राक्ष का शिवलिंग बनाने का एक उद्देश्य धर्म का प्रचार प्रसार भी है। आज का युवा धर्म से अलग हो रहा है, उसे फिर धर्म का ज्ञान देने का प्रयास हो रहा है।

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