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अबुआ बुगिन स्वास्थ्य कार्यक्रम जनजातीय समुदाय के लोगों से कहना चाहूँगा कि वे हानिकारक व्यसनों के सेवन से परहेज करें :

अबुआ बुगिन स्वास्थ्य कार्यक्रम

जनजातीय समुदाय के लोगों से कहना चाहूँगा कि वे हानिकारक व्यसनों के सेवन से परहेज करें : राज्यपाल रमेश बैस

खूँटी (झारखंड)। खूँटी में जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा “अबुआ बुगिन स्वास्थ्य” (हमारा बेहतर स्वास्थ्य) कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित “स्वास्थ्य मेला” के अवसर माननीय राज्यपाल महोदय संबोधित किया।

धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की इस पावन भूमि पर जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा “अबुआ बुगिन स्वास्थ्य” (हमारा बेहतर स्वास्थ्य) कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित इस “स्वास्थ्य मेला” में आप सभी के बीच आकर अपार खुशी हो रही है। इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए मैं जनजातीय कार्य मंत्री, भारत सरकार श्री अर्जुन मुंडा जी को हार्दिक बधाई देता हूँ।

इस माटी के सपूत के साहस, त्याग व बलिदान की गाथा की पूरे विश्व में ख्याति है। हमारे देश के स्वतंत्रता आंदोलन में इन्होंने लोगों को प्रेरित करने का कार्य किया। हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिन को “जनजातीय गौरव दिवस” के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया।

जनजातीय समुदाय का गौरवशाली इतिहास रहा है। अति प्राचीन काल से ही जनजाति समुदाय भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति के अभिन्न अंग रहे हैं तथा इनकी विश्वस्तरीय पहचान रही है। देश की आजादी में हमारे जनजातीय समुदाय के लोगों का अविस्मरणीय योगदान है।

झारखण्ड वीरों की भूमि है। देश की स्वतंत्रता आन्दोलन का एक लम्बा इतिहास रहा है जिसमें यहाँ के बहुत से विभूतियों ने अपना योगदान दिया है। लोगों को इन महानायकों की गाथा व उनके योगदानों के बारे में जानना चाहिए।

हम सभी को अपनी युवा पीढ़ी, बच्चों को अपने स्वतन्त्रता आंदोलन के महानायकों के योगदान से अवगत कराना बहुत जरूरी है। हमारे माननीय प्रधानमंत्री महोदय द्वारा इस दिशा में “आजादी का अमृत महोत्सव” मनाने का निर्णय लिया गया।

वर्तमान में पूरे भारतवर्ष में उत्साह व उमंग के साथ आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। आज़ादी का अमृत महोत्सव का अर्थ है, आज़ादी के उपरांत उपलब्धियों के अमृत का आनन्द, आगामी योजनाओं के संकल्प को पूर्ण करने के जोश व जज्बे का अमृत, आज़ादी की ऊर्जा का अमृत, स्वतंत्रता सेनानियों की प्रेरणा का अमृत, नए विचारों का अमृत, नए संकल्पों एवं परिकल्पनाओं का अमृत, आत्मनिर्भरता का अमृत।

लोगों के बेहतर स्वास्थ्य के प्रति प्रतिबद्धता होनी चाहिए। कहा गया है कि- स्वास्थ्य ही धन है और स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। कहा जाए तो बेहतर स्वास्थ्य ही सभी व्यक्तियों के लिए सच्चे सुख का आधार है। ऐसे में, जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जनजातीय बहुल इस क्षेत्र में “स्वास्थ्य मेला” का आयोजन एक अत्यंत सराहनीय प्रयास है।

जनजातीय समाज का रहन-सहन प्रकृति के साथ होता है, लेकिन बदलते परिवेश व वातावरण एवं भोजन में मिलावटों के कारण कई स्वास्थ्य संबंधी विकार आ गये हैं। इनके निवास क्षेत्र में बेहतर स्वास्थ्य संरचना व आधुनिक चिकित्सा संसाधनों को और बेहतर बनाने की जरूरत है।

मुझे पूरा विश्वास है कि आज यहाँ आयोजित इस स्वास्थ्य मेला में चिकित्सकों द्वारा लोगों के स्वास्थ्य का बेहतर रूप से परीक्षण व जाँच किया जायेगा एवं उसके बाद उचित परामर्श दिया जायेगा। इस निःशुल्क सेवा से लोग अपनी बीमारियों का ससमय उपचार करा सकेंगे। मुझे बताया गया कि मरीजों को निःशुल्क औषधि भी दी जायेगी। मैंने देखा है कि स्वास्थ्य मेला के आयोजन से मन की बहुत सारी शंकाएँ भी दूर हो जाती हैं।

इस स्वास्थ्य मेला में 350 से अधिक चिकित्सकों का भाग लेना तथा स्वास्थ्य जगत के लिए एक व्यापक पहल है। मानव स्वास्थ्य की दिशा में खूँटी आकर लोगों का स्वास्थ्य जाँच करने के लिए मैं आप लोगों को बधाई देता हूँ। मुझे आशा है कि आप सभी के आगमन से यहाँ लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागृति आयेगी।

मुझे बताया गया कि सिकल सेल जनजातीय समुदाय में प्रचलित एक गंभीर आनुवांशिक रोग है। इस “स्वास्थ्य मेला” में इसकी भी जांच कर, इसका आकलन किये जाने की सूचना है। साथ ही, नेत्र विशेषज्ञों द्वारा आंखो की जांच की जायेगी एवं दृष्टि प्रभावित लोगों के बीच चश्मा का वितरण करना एक बहुत सराहनीय प्रयास है।

माननीय प्रधानमंत्री जी समाज के सभी वर्ग को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा सुलभ कराने की दिशा में प्रतिबद्ध है। इसके लिए उन्होंने झारखंड की धरती से “आयुष्मान भारत योजना” लागू की। खुशी है कि आज यहाँ आयुष्मान कार्ड का भी वितरण किया जा रहा है।

मुझे विश्वास है कि जनजातीय समुदाय में इस प्रकार के कार्यक्रम से स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता आयेगी। राज्य का हर नागरिक स्वस्थ हो, यह हम सभी का सपना है। ससमय रोगों का समुचित इलाज से अपने जीवन की रक्षा करना सबका कर्तव्य है।

जनजातीय समुदाय के लोगों से कहना चाहूँगा कि वे हानिकारक व्यसनों के सेवन से परहेज करें एवं भगवान बिरसा के जीवन से प्रेरित होकर एक स्वस्थ्य समाज के निर्माण मे अपना सहयोग करें।

मैं आज यह भी कहना चाहूँगा कि हमें सिर्फ इसी स्वास्थ्य मेला तक रुकना नहीं है। स्वास्थ्य विभाग को इस प्रकार के स्वास्थ्य मेलाओं को गांवों तक ले जाना होगा ताकि स्वस्थ एवं विकसित झारखंड का निर्माण हो। जिला में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सक्रियता से कार्य करें। मैं चाहूँगा कि राज्य के विशेषज्ञ चिकित्सकों को समय-समय पर ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण कर लोगों का स्वास्थ्य के प्रति मार्गदर्शन करना चाहिए।

अन्त में, मैं यहाँ जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित इस “स्वास्थ्य मेला” की सफलता की कामना करता हूँ एवं इसके आयोजन हेतु श्री अर्जुन मुंडा जी, माननीय केंद्रीय मंत्री, जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार तथा जिला प्रशासन के अधिकारियों, चिकित्सकों समेत उन सभी को पुनः बधाई देता हूँ, जिन्होंने कार्यक्रम के आयोजन में अपना सक्रिय योगदान दिया।

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