अलीगढ(उप्र)
योग केवल शारीरिक एवं श्वांस क्रिया नहीं बल्कि खुशहाल जिंदगी जीने का साधन ।
योग से होने वाले लाभ को कु
अलीगढ(उप्र)
योग केवल शारीरिक एवं श्वांस क्रिया नहीं बल्कि खुशहाल जिंदगी जीने का साधन ।
योग से होने वाले लाभ को कुछ तथाकथित ढोंगी योगाचार्य बन कर अपना स्वार्थ सिद्ध करने हेतु गलत दावे करके आमजन में योग के प्रति विश्वास कम कर रहे हैं । मज़हर
ए एम यू गेम्स कमेटी के जिमखाना क्लब द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के प्रति खिलाड़ियों में जागरूकता के उद्देश्य से वालीबाल की बालिका खिलाड़ियों में वालीबॉल के परफॉर्मेंस के बढ़ावे हेतु विशेष योग का अभ्यास एएमयू वालीबॉल प्रशिक्षक सरदार हुसैन द्वारा कराया गया , जिसमें मुख्य रुप से लंबाई बढ़ाने एवं पाचन क्रिया की मजबूती के आसनों का प्रदर्शन कर इसकी विधी सिखाई गई । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में जिमखाना क्लब के अध्यक्ष डॉ. जमील अहमद रहे तथा मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित जिम्नेज़ियम प्रशिक्षक मजहर उल कमर ने उपस्थित बालिका खिलाड़ियों को योग के प्रति प्रेरित करते हुए कहा कि योग से होने वाले लाभ को कुछ तथाकथित ढोंगी योगाचार्य बन कर अपना स्वार्थ सिद्ध करने हेतु गलत दावे करके आमजन में योग के प्रति विश्वास कम कर रहे हैं । उन्होंने आगे कहा कि योग शारीरिक या स्वांस क्रिया नहीं बल्कि जीवन को खुशहाल रखने का महत्वपूर्ण साधन है। निरोग एवं खुशहाल जीवन के लिए ऋषियों और मुनियों द्वारा बताए गए अष्टम योग को अपने जीवन में हर भारतीयों को उतारना होगा । तभी हमारा देश विश्व गुरु बन पाएगा अगर कोई यह समझता है कि शारीरिक क्रियाएं एवं स्वास्थ क्रियाएं योग हैं तो वास्तव में वह भ्रमित है । आसन योग का तीसरा तथा प्राणायाम इसका चौथा भाग है । पहला भाग (सूत्र ) "यम" है । अर्थात सत्य एवं अहिंसा का पालन करना, चोरी ना करना, झूठ ना बोलना, घमंड ना करना, ब्रम्हचर्य का पालन करना है । तथा दूसरा सूत्र "नियम" है । अर्थात, ईश्वर की सच्चे मन से उपासना, सभी धर्मों, ज्ञानियों का आदर एवं सम्मान करना, लालच ना करना , साफ सफाई पर विशेष ध्यान देना , अपने मातृभूमि से प्रेम करना आदि है । मज़हर ने आगे कहा कि आज हम 'आसना' एवं 'प्राणायाम' तो खूब कर रहे हैं परन्तु योग की प्रारंभिक शिक्षा से दूर होते जा रहे हैं जिससे कारण आमजन योग का सही लाभ नहीं ले पा रहा है । मुख्य अतिथि जिमखाना क्लब के अध्यक्ष डॉ. जमील अहमद ने कहा कि बेटियां अगर "यम", "नियम", को अपनाते हुए आसन एवं प्रणायाम को अपनाएंगे तो समाज में एक चमत्कारिक बदलाव आएगा । इस अवसर पर अनुज्ञा पचौरी, खुशबू, आस्था शर्मा, शशि सारस्वत, भावना बघेल ,अलीना अज़ीम , अरीबा शाहाब नाजिफ़, अली, सबा शेख , आदि उपस्थित थे । संचालन एवं धन्यवाद वालीबाल प्रशिक्षक सरदार हुसैन द्वारा किया गया ।