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दो माह से विद्यालय की बिजली गुल, बच्चे भटक रहे पानी के लिए इधर-उधर। खंडार (सवाई माधोपुर)। उपखंड मुख्यालय क्षेत्र के क

दो माह से विद्यालय की बिजली गुल, बच्चे भटक रहे पानी के लिए इधर-उधर।

खंडार (सवाई माधोपुर)। उपखंड मुख्यालय क्षेत्र के कमोखरी गांव में बिजली कर्मचारियों की मनमानी का मामला देखने को मिला. यहां बिजली निगम कर्मचारियों ने स्कूल के जले हुए बिजली ट्रांसफार्मर को तो बदल दिया पर 2 महीने से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी ट्रांसफार्मर को बिजली पोल पर नहीं रखा। जिसके चलते स्कूल के छोटे-छोटे बच्चों को पीने के पानी के लिए 1 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। वहीं विद्यालय में बिजली नहीं आने के चलते पानी की व्यवस्था पूरी तरह गड़बड़ाई हुई है। विद्यालय में संचालित MDM योजना के अंतर्गत बच्चों को मिलने वाले भोजन के जूठे बर्तनों को साफ करने के लिए 1 किलोमीटर दूर सार्वजनिक पानी की टंकी पर जाना पड़ता हैं। विद्यालय के संस्था प्रधान ने बिजली समस्या को लेकर विगत दो माह में विभाग के आलाधिकारियों से बिजली सप्लाई शुरू करने की मिन्नतें की यहां तक कि जिले के मुखिया जिला कलेक्टर, क्षेत्रीय विधायक को भी अवगत करवा दिया पर बिजली निगम कर्मचारियों की मनमानी के चलते अधिकारियों जनप्रतिनिधियों के आदेश सिर्फ हवा हवाई साबित हुए।
विद्यालय के प्रधानाध्यापक रमेश बागोंरिया ने बताया कि ट्रांसफार्मर जल जाने के बाद बिजली निगम कार्यालय में जमा करवा दिया स्वयं के खर्च पर नया ट्रांसफार्मर भी जारी करवाकर ले आये, उसके बावजूद भी बिजली निगम कर्मचारियों द्वारा न तो बिजली ट्रांसफार्मर बिजली पोल पर चढ़ाया गया ना ही विद्यालय के लिए बिजली सप्लाई की कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जबकि विद्यालय की बिजली खर्च का सारा बिल जमा करवा रखा है।

बिजली नहीं होने से गर्मी के समय बच्चों का क्लास में बैठना दूभर हो रहा हैं। विद्यालय में बिजली नहीं होने से बोरवेल बंद होने से पानी का संकट खड़ा हो गया है। MDM के तहत बच्चों को मिलने वाले भोजन के झूठे बर्तन धोने के लिए भी एक किलोमीटर दूर जाना पड़ता हैं। बिजली की समस्या को लेकर 27 जनवरी को खंडार उपखंड अधिकारी को भी अवगत करवाया पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, उसके बाद 25 मार्च को क्षेत्रीय विधायक अशोक बैरवा को ज्ञापन देकर समस्या समाधान की मांग की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

उन्होंने कहा कि बीते तीन माह के समय मे विद्यालय के संस्था प्रधान ने 10 से 15 बार बिजली निगम के AEN और JEN को अवगत करवा दिया गया पर आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। विद्यालय द्वारा इस समस्या को लेकर जिला कलेक्टर और बिजली निगम के SE को भी लिखित और मौखिक रूप से मिलकर अवगत करवाया पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई। बिजली ट्रांसफार्मर शोपीस बनकर रखा हुआ है।

वहीं, निगम कर्मचारियों द्वारा नियमों को धता बताकर मनमर्जी की जा रहीं है। बता दें कि विद्यालय में पानी की समस्या बिजली नहीं होने से विकराल रूप लेती जा रही है। वहीं, बालकों को भी गर्मी के मौसम में परेशानी झेलनी पड़ रहीं है। बच्चे पानी पीने के लिए 1 किलोमीटर दूर जाते है जो व्यस्त सड़क मार्ग से गुजरते हैं। ऐसे में विद्यालय प्रशासन को हमेशा हादसा होने का अंदेशा बना रहता है। अगर बिजली निगम ट्रांसफार्मर रखवाकर बिजली सप्लाई जोड़ दें तो बच्चों को बड़ी राहत मिल सकेगी। वहीं विद्यालय के भी विभागीय काम समय पर पूरे हो सकेंगे।

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