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पर्यावरण विभाग की मंजूरी नहीं मिलने के कारण जिले के रेतीघाटों की निलामी प्रक्रिया थम गई थी। किंतू अब पर्यावरण विभाग की र

पर्यावरण विभाग की मंजूरी नहीं मिलने के कारण जिले के रेतीघाटों की निलामी प्रक्रिया थम गई थी। किंतू अब पर्यावरण विभाग की रेतीघाटो को हरी झंडी मिल गई है। मंजूरी मिलते ही अब जिले के 18 रेतीघाटो की निलामी प्रक्रिया शुरू हो गई है। रेतीघाटों की निलामी प्रक्रिया से जिला प्रशासन की तिजोरी में राजस्व के रूप में करोडो रूपए होंगे जमा।
गोंदिया जिले में लगभग 31 रेती घाट है। इन रेतीघाटो की निलामी से जिला प्रशासन को करोडो रूपए का राजस्व मिलता है। लेकिन निलामी प्रक्रिया के लिए पर्यावरण विभाग की मंजूरी होना आवश्यक होता है। जिले से वैनगंगा नंदी, बाघनदी, पांगोली नदी, चूलबंद नदी, गाडवी नदी सहित अनेक छोटी नदियां प्रवाहित है। इन नदियों में रेतीघाट तैयार किए गए है। जहां से रेती का उत्खन्न कर करोडो रूपए का राजस्व जिला प्रशासन को प्राप्त होता है। लेकिन रेतीघाटो की निलामी नहीं होने के कारण रेतीघाट बंद थे। बावजूद इन रेतीघाटो से अवैध रूप से रेती का उत्खन्न कर पर्यावरण के साथ जिला प्रशासन के राजस्व को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। प्रशासन ने इन घाटो की निलामी के लिए पर्यावरण विभाग को पत्र लिखकर मंजूरी मांगी थी। किंतू समय पर मंजूरी नहीं मिलने के कारण रेतीघाटो की निलामी प्रक्रिया थम गई थी। आखिरकार पर्यावरण विभाग ने जिले के 31 रेतीघाटो को हरी झंडी दे दी है। मंजूरी मिलते ही जिला प्रशासन ने रेतीघाटो की निलामी प्रक्रिया शुरू कर दी है। जल्द ही रेतीघाटो की निलामी होंगी। इस तरह की जानकारी जिला खनिकर्म विभाग की ओर से दी गई है।

इन घाटो की होंगी निलामी
जिले के 18 रेतीघाटो की निलामी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जिसमें गोंदिया तहसील के पुजारीटोला, तेढवा, बनाथर, महालगांव, साईटोला, देवरी, बिरसोला, तिरोडा तहसील के बिरोली, पिपरिया, मांडवी, घाटकुरोडा, सडक अर्जुनी तहसील के सावंगी-2, सावंगी 1, सौँदड, पिपरी-2, पडसगांव राका, आमगाव तहसील के मानेकसा व अर्जुनी मोरगाव तहसील के बडगाव बंध्या रेतीघाटो का समावेश है।

निलामी प्रक्रिया शुरू
जिले के 31 रेतीघाटो को पर्यावरण विभाग की ओर से मंजूरी मिल चुकी है। 31 रेतीघाटो में से 7 रेतीघाट आवास योजनाओं के लिए आरक्षित रखे गए है। वहीं पहले से ही 6 घाटो की निलामी हो चुकी है। अब शेष बचे 18 रेतीघाटो की निलामी प्रक्रिया को शुरुवात हो चुकी है। इन रेतीघाटो से जिला प्रशासन को करोडा रूपए का राजस्व प्राप्त होगा।
सचिन वाढवे, जिला खनिकर्म अधिकारी, गोंदिया.

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