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सभी हेरिटेज जगहों में सुरक्षा जांच के बाद मोबाइल को ले जाना संभव, महाबोधि मंदिर में रहे त्रुटी न हो सार्वजनिक इसलिए मोबा

सभी हेरिटेज जगहों में सुरक्षा जांच के बाद मोबाइल को ले जाना संभव, महाबोधि मंदिर में रहे त्रुटी न हो सार्वजनिक इसलिए मोबाइल के प्रवेश पर लगा रोकः- जदयू जिलाउपाध्यक्ष मेघझर चंद्रवंशी।
बोधगया।
भारत के सभी हेरिटेज जगहों में पर्यटकों के मोबाइल ले जाने में रोक नहीं है। सिर्फ बोधगया के महाबोधि मंदिर में ही है। जबकि दूसरे शहरों के हेरिटेज मंदिर, सांस्कृति विरासत जैसे जगहों में पुलिस के सुरक्षा जांच के बाद पर्यटकों को मोबाइल को लेकर जाने का आदेश मिलता है। महाबोधि मंदिर में कई आत्यनुधिक मशीने लगाई गई है। इसके बाद भी सुरक्षा के दृष्टि से मोबाइल के प्रवेश को रोकना कही न कही मशीन द्वारा काम नहीं करने या बीटीएमसी के अधिकारियों द्वारा मैनेजमेंट में कोई त्रुटी को सार्वजनिक न होने को लेकर लगाया गया आदेश लगता है। उक्त बाते बुधवार को जनता दल यूनाइटेड के गया जिला के उपाध्यक्ष मेघझर सिंह चंद्रवंशी ने कहीं। उन्होंने अपनी मांग को रखते हुए बताया कि महाबोधि मंदिर को देखने दो श्रद्धालु व पर्यटक दूर जगहों से आते है, वो यहा के दृष्य व यहा लिए हुए सेल्फी फौटो को अपने मोबाइल कैमरे में संयोकर ले जाना चाहते है। लेकिन बीटीएमसी द्वारा मंदिर के पास पर्यटकों के मोबाइल को रखवा लिया जाता है। जो कहीं से उचित नहीं है। पर्यटकों के मोबाइल को मंदिर में ले जाने का परमिशन मिलना चाहिए। जबकि देश के दूसरे जगह जैसे आगरा, उज्जैन के महाकलेश्वर, आदि जगहों में सुरक्षा जांच के बाद मोबाइल को ले जाने का परमिशन दिया जाता है। इसी तरह का व्यवस्था बोधगया के महाबोधि मंदिर में होनी चाहिए। मोबइल को अंदर नहीं ले जाने के आदेश के कारण पर्यटकों की रुची धीरे-धीरे महाबोधि मंदिर की ओर कम होती जा रह है। पर्यटक अगर बोधगया आना कम करेंगे तो यहा का व्यवसाय कैसे चलेगा। इस स्थिति में बीटीएमसी व जिला प्रशासन इस दिशा में सोचे।

पवित्रता के लिए गर्भगृह में रोक जरुरीः- टुरिस्ट गाईड एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश कुमार उर्फ पप्पू ने बताया कि बीटीएमसी द्वारा सभी के गर्भगृह में मोबाइल ले जाने पर रोक लगाने का निर्णय स्वागत योग्य है। लेकिन महाबोधि मंदिर परिसर में मोबाइल पर रोक हटना चाहिए। जिससे की पर्यटक अपने योदों को अपने साथ लेकर जा सके। मंदिर में कई तरह के जांच का उपकरण है। जिसका इस्तेमाल सुरक्षा में तैनात जवानों द्वारा करना चाहिए।

फोटो लेने के इच्छा पर नहीं लगाए प्रतिबंधः- चकमा बौद्ध मंदिर के भंते प्रिय पाल ने दर्शार्थियों के महाबोधि मंदिर के अंदर फोटो लेने के इच्छा पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग किया है। उन्होंने कहां कि मंदिर बौद्धो के आस्था का केंद्र है और आने वाले लोग अपने साथ आस्था की जगह को मोबाइल में कैद कर लेकर जाना चाहते है। जो कही से भी गलत नहीं है।

महाबोधि मंदिर में लगाए जैमरः-  बोधगया ट्रैवल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश सिंह ने कहां कि बीटीएमसी के पास महाबोधि मंदिर में सारी व्यवस्था है। वो चाहे तो मंदिर परिसर में जैमर भी लगा सकते है। ताकि लोग मोबाइल का इस्तेमाल अंदर न कर सके। सुरक्षा के नाम पर महाबोधि मंदिर प्रबंधकारिणी समिति अपना तानासाही अपना रही है। उसपर उनको एक बार विचार करना चाहिए।

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