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रोपड़ , 12 जनवरी:केंद्रीय खऱीद और उद्योग मंत्रालय के बौद्धिक संपत्ति दफ़्तर की तरफ से रयात बाहरा यूनिवर्सिटी के सहयोग क

रोपड़ , 12 जनवरी:केंद्रीय खऱीद और उद्योग मंत्रालय के बौद्धिक संपत्ति दफ़्तर की तरफ से रयात बाहरा यूनिवर्सिटी के सहयोग के साथ बौद्धिक संपत्ति अधिकारों बारे एक वर्कशाप का आयोजन किया गया।
इस समागम के मुख्य वक्ता और पेटैंटस और डिज़ाईनज़ आईपीआर के परीक्षक आशीष प्रभात ने कहा कि बौद्धिक संपत्ति अधिकारों बारे जागरूकता राष्ट्रीय आईपीआर नीति का पहला और प्रमुख उद्देश्य है। समाज के सभी वर्गों में आई.पी.जागरूकता पैदा करने की ज़रूरत है क्योंकि आई.पी. मन की रचना है।    
उन्होंने पेटैंट फाईल करने की प्रक्रिया बारे विस्थारपूर्वक बताया और भागीदारों को पेटैंट योग्य और ग़ैर -पेटैंट योग्य नवीनताओं बारे मार्गदर्शन किया।
अपने संबोधन में रयात बाहरा यूनिवर्सिटी के वाईस -चांसलर डा. परविन्दर सिंह ने आई.पी.आर. बारे जागरूकता की महत्ता पर रौशनी डाली। उन्होंने कहा कि बौद्धिक संपत्ति का मुख्य उद्देश्य शोधकर्ताओं को अस्थाई सुरक्षा प्रदान करके नवीनता को उत्साहित करना और नवीनता के लिए प्रोत्साहन प्रदान करना है।
इस वर्कशाप की प्रशास्निक सचिव डा.सिमरजीत कौर ने आई.पी.आर जागरूकता की ज़रूरत पर ज़ोर दिया क्योंकि व्यक्तियों के विचारों और नवीनताओं की रक्षा करने के अधिकारों बारे अप्राप्त जानकारी और आई.पी.आर प्राप्त करने की प्रक्रियाएं बारे कम जागरूकता भारत के बौद्धिक संपत्ति विकास में रुकावट बन रही है।
उन्होंने आगे कहा कि भारत की सार्मथ्य और ग्लोबल क्षेत्र में इसकी महत्ता के साथ यह मौका आगे बढऩे और नवीनता और बौद्धिक संपत्ति में एक नेता बनने का समय है।
समागम के अंत में रयात बाहरा यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार प्रो.बी.एस.सत्याल ने पहुँचे मेहमानों का धन्यवाद किया और माहिरों की तरफ से सांझी की जानकारी की प्रसंसा की। वर्कशाप के बाद भागीदारों के साथ एक इंटरैकटिव सैशन भी करवाया गया।




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