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बोधगया प्रखंड में रद्द हुए डीलर का लाइसेंस को दुसर्ड डीलर पर टैगिंग करने में चल रही है वसूली का खेल। बोधगया   गया

बोधगया प्रखंड में रद्द हुए डीलर का लाइसेंस को दुसर्ड डीलर पर टैगिंग करने में चल रही है वसूली का खेल।
बोधगया
  गया जिले में आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की मनमानी का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। अधिकारियों द्वारा डीलर की टैगिंग में जानबूझ कर देरी करने से लाभार्थियों को खाद्यान्न प्राप्त करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दुकानदार का लाइसेंस रद्द होने के बाद दूसरी दुकान में टैगिंग के एवज में वसूली शुरू हो जाती है। ताजा मामला बोधगया नगर पंचायत के संज्ञान में आया है। जिसमें वार्ड नं. 1 सार्वजनिक वितरण दुकानदार पवन कुमार की तबीयत खराब हो गई। इसे रद्द कर दिया गया है।  उसी प्रखंड के साथ ही वार्ड की सार्वजनिक वितरण दुकान से भी टैग लगाने का निर्देश दिया गया है। लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह एवं महिला विकास मंच की सार्वजनिक वितरण दुकान वार्ड नंबर 1 में ही स्थित है। इसके बावजूद 6 दिन बीत जाने के बाद भी संबंधित आपूर्ति अधिकारी ने अभी तक टैग लगाने का प्रस्ताव नहीं दिया है। जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है।  जानकारी के अनुसार अनुमंडल पदाधिकारी ने 6 जनवरी को वार्ड क्रमांक 9 के जन वितरण दुकानदार उमेश मांझी का लाइसेंस रद्द कर दिया. उन पर दुकान के स्टॉक की कालाबाजारी का आरोप लगाया गया था। जिसमें 11 जनवरी बीत जाने के बाद भी कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किया गया है कि किस डीलर से लाभार्थी को खाद्यान्न लेना है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि बोधगया आपूर्ति अधिकारी के पास रहने वाले विद्यानंद नाम के व्यक्ति से दो-तीन डीलरों से संपर्क कर अवैध राशि की मांग की जा रही है। जबकि शासन के नियमानुसार इसके हितग्राहियों को निरस्त डीलर की दुकान से नजदीकी डीलर पर टैग किया जाता है।  समय बीतने के बाद भी लाभार्थी किसी डीलर से संपर्क नहीं कर पाए हैं।  आपूर्ति विभाग के सूत्रों का कहना है कि अभी तक किसी डीलर से डील फाइनल नहीं हुई है। इसके इंतजार में कर्मचारी व अधिकारी हितग्राहियों के लाभ के लिए समय पर अपना काम नहीं कर रहे हैं।  वह ब्याज के बारे में अधिक चिंतित है। हितग्राहियों ने बताया कि नजदीकी डीलर पर टैग नहीं किया गया तो दिसंबर माह का खाना खर्च हो जाएगा।

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