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बनासकांठा जिले के थराद में किसानों ने फसलों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आंदोलन शुरू किया। बनासकांठा जि

बनासकांठा जिले के थराद में किसानों ने फसलों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आंदोलन शुरू किया।

बनासकांठा जिले के थराद में किसानो ने नहर मे पानी छोडने के लिए आंदोलन किया था। आंदोलन से किसानों को सफलता भी मिली लेकिन आंदोलन वापस लेने के साथ ही पानी फिर से बंद कर दिया गया। यानी चार दिन चांदनी और फिर अंधेरी रात। मिली जानकारी के अनुसार थराद के किसान पिछले 4 साल से जलापूर्ति के लिए आंदोलन कर रहे हैं. किसानों को उनकी गांधीगिरी का फल भी मिला और गाँव में पानी आ गया जिससे किसानों में खुशी की लहर फैल गई थी।लेकिन पानी सिर्फ आवाजाही रोकने के लिए छोड़ा गया।लेकिन आंदोलन समाप्त हो जाता है तो पानी भी बंदहो जाता है। इसलिए नर्मदा विभाग द्वारा ठगे जाने की भावना से आक्रोशित किसानों ने आने वाले दिनों में एक नहीं चार गाँवों के किसानों के साथ आने की धमकी दी गई है और इससे किसानों में भारी रोष है। जहां नर्मदा निगम के एस.ओ दिनेशभाई पटेल और एन.आर. पटेल नहर का निरीक्षण करने पहुंचे और समाधान किए बीना ही वहा से वापस चले गए ईसी बात से किसान आक्रोशित होकर साबा, गडसीसर, जामपुर और पीरगढ़ के तमाम किसानों ने आने वाले दिनों में आंदोलन के साथ कार्यालय जाने की धमकी दी गई है।

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