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बोधगया में सादगी से मनाया गया वियतनाम और चीन का नव वर्ष, तीन हजार दीप जलाकर भगवान बुद्ध से मांगा ओमिक्रॉन संक्रमण से मुक

बोधगया में सादगी से मनाया गया वियतनाम और चीन का नव वर्ष, तीन हजार दीप जलाकर भगवान बुद्ध से मांगा ओमिक्रॉन संक्रमण से मुक्ति।
बोधगया।
कोरोना के तीसरे लहर में फैल रहे ओमिक्रॉन के संक्रमण को देखते हुए सोमवार को वियतनाम और चीन के बौद्ध भिक्षुओं ने अपना नव वर्ष लोसर का जश्न बुद्धभूमि के बीटीएमसी गोलंबर के पास सादगी से मनाया। महाबोधि मंदिर बंद होने के करण बौद्ध भिक्षुओं व श्रद्धालुओं ने 3 हजार दीप जलाकर विश्व को ओमिक्रॉन के संक्रमण से मुक्ति दिलाने का प्राथना भगवान बुद्ध से किया। उसके पहले भिक्षुओं ने महाबोधि मंदिर के बाहरी परिसर में विशेष पुजा का आयोजन किया। बौद्ध भिक्षुओं ने बताया कि नए साल में सभी प्रकार के विघ्न को नाश करने के लिए तंत्र की देवी श्री महाकाली की पूजा-अर्चना की जाती है। इन्हें रक्षक देवी के नाम से जाना जाता है। इसी क्रम में नेचुंग देवता की भी पूजा की गई। बौद्ध लामाओं और श्रद्धालुओं ने पूजा के स्थान पर विशेष प्रकार के श्रद्धा का सूचक वस्त्र खादा चढ़ाया। बौद्ध भिक्षुओ ने बताया कि नववर्ष का जश्न तीन दिनों तक मनाया जाता है। देश के विभिन्न प्रदेशों में स्थित मोनास्ट्री में नृत्य, संगीत और प्रतियोगिता का आयोजन कराया जाता है। लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण इस साल यह पर्व छोटे रुप में मनाया जा रहा है। बोधगया में सिर्फ 15 से 20 बौद्ध भिक्षु सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क पहनकर ही पूजा में शामिल होंगे।

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