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गुरु गोविंद सिंह की जयंती पर सामाजिक बंधुओं को बहुत-बहुत  बधाई - शिव वर्मा राजनांदगांव। जिला भाजपा पिछड़ा वर्ग

गुरु गोविंद सिंह की जयंती पर सामाजिक बंधुओं को बहुत-बहुत  बधाई - शिव वर्मा

राजनांदगांव। जिला भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के जिलाध्यक्ष व पार्षद दल के प्रवक्ता शिव वर्मा ने गुरु गोविंद सिंह की जयंती पर सामाजिक बंधुओं को ढेर सारी बधाई देते हुए कहा कि आज सिखों के 10 वें गुरु गुरु गोबिंद सिंह की जयंती मनाई जा रही है, सिख समुदाय में यह दिन बहुत बड़ा और खास दिन माना जाता है, हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह की सप्तमी तिथि पर गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती मनाई जाती है, वहीं अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार गुरु गोबिंद सिंह का जन्म 22 दिसंबर 1666 को पटना में हुआ था। गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। जिसे सिख धर्म में प्रमुख माना जाता है, गुरु गोबिंद सिंह के बचपन का नाम गोविंद राय था । इनके पिता सिख धर्म के नौवें गुरु गुरु तेग बहादुर और माता का नाम गुजरी था। गुरु  गोबिंद सिंह एक महान योद्धा और धार्मिक व्यक्ति थे। मुगल शासक औरंगजेब ने इनके पिता गुरु तेग बहादुर को इस्लाम धर्म कबूल करने मजूबर किया था। लेकिन इन्होंने मुगलों के आगे नहीं झुके और इस्लाम धर्म कबूल करने से इंकार दिया। तब औरंगजेब ने नवंबर 1675 में इनका सिर कलम कर दिया था। तब गुरु गोबिंद सिंह को मात्र 9 वर्ष की अल्पायु में सिंह धर्म के 10 वें गुरु पर आसीन हुए। गुरु गोबिंद सिंह की जयंती पर प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन गुरुद्वारों में विशेष अरदास और लंगर का आयोजन किया जाता है। गुरु गोविंद सिंह जी ने ही वाहे गुरु की फतेह, वाहे गुरु का खालसा का नारा दिया था। शौर्य, साहस, पराक्रम और वीरता के प्रतीक श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने सिखों को पंच ककार धारण करने का आदेश दिया था। ये पांच चीजें ये है। केश, कड़ा, कच्छा, कृपाण और कंघा। गुरु गोबिंद सिंह जी के द्वारा दी गई शिक्षाएं आज भी लोगों को प्रेरणा दिलाती है।

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