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*प्रेम प्रसंग में पति बन रहा था रोड़ा, पत्नी ने रची साजिश, आशिक ने कर दी हत्या।* ----------------- 2019 हंसडीहा के चर्च

*प्रेम प्रसंग में पति बन रहा था रोड़ा, पत्नी ने रची साजिश, आशिक ने कर दी हत्या।*
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2019 हंसडीहा के चर्चित जीवन हत्या कांड का उद्भेदन
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हत्याकांड में शामिल पत्नी आशा व उसका आशिक गौरव गिरफ्तार
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फेसबुक से शुरू हुई थी गौरव का अपने से पाँच वर्ष बड़ी शादीशुदा आशा से दोस्ती।


कहते हैं हर अपराध का अंत होता है, कुछ ऐसा ही हुआ ठंडे बस्ते में पड़े जीवन हत्याकांड मामलें में। हंसडीहा पुलिस ने आखिरकार दो वर्ष बाद जीवन सिंह की हत्या से पर्दा उठा ही दिया। शुक्रवार को हत्यारा गौरव कुमार और उसकी प्रेमिका आशा देवी को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। गौरव बांका जिले के अमरपुर थाना क्षेत्र के बलुआ गांव का रहने वाला है। जो वर्तमान में दुमका स्थित बावरी पाड़ा में किराए के मकान में अपनी प्रेमिका आशा देवी के साथ शादी रचा रह रहा था। दोनों की गिरफ्तारी गुरुवार रात दुमका स्थित बाउरी पाड़ा किराए के मकान से की गई। जीवन की हत्या की साजिश उसकी पत्नी आशा ने अपने प्रेमी  गौरव कुमार के साथ मिलकर रची थी।
घटना के बारे में मिली जानकारी के अनुसार दो वर्ष पूर्व जीवन सिंह की हत्या उसकी ही पत्नी के आशिक गौरव ने चाकू से मारकर कर दी थी।
हत्या के बाद आरोपी पुलिस की गिरफ्त से फरार चल रहा था। साजिश के तहत ही हत्या के दिन मृतक की पत्नी अपने मायके दुमका चली गई थी। और इसी बीच गौरव जीवन के घर आया और दोनों साथ बैठकर शराब पी। फिर गौरव ने जीवन पर चाकू से हमला कर दिया। इस दौरान गौरव ने जहरीले इंजेक्शन को जीवन के पेट में डाल दिया था। हमलें के दौरान जीवन की चीख सुनकर मौहल्ले के लोग जब जमा होने लगें तो गौरव मौके से फरार हो गया। स्थानीय लोगों ने इसकी जानकारी तत्कालीन हंसडीहा थाना प्रभारी को दी, जिसके बाद हंसडीहा पुलिस ने उसे ईलाज के दुमका भेजा था जहाँ से चिकित्सकों ने उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए बाहर रेफर कर दिया था। जीवन की मृत्यु पटना में इलाज के क्रम में हो गई थी।गौरव ने पहले जीवन के पत्नी को फेसबुक के जरिये अपने प्रेम जाल में फंसाया फिर दोनों ने एक साथ जीने मरने की कसमें भी खाई और इसी बीच रास्ते का रोड़ा बन रहे पति जीवन को रास्ते से हटाने का साजिश रच डाला। फिर गौरव ने साजिश के तहत धीरे धीरे जीवन से दोस्ती की दोस्ती इतनी बढ़ गई की गौरव कभी कभी जीवन के घर में रुककर रात भी काट लिया करता था। हत्या के दिन
जीवन घर में अकेला था और गौरव भी इसी दिन का इंतजार कर रहा था।
उस दिन गौरव जीवन से मिला और रात में जीवन के ही घर पर रुकने की बात जीवन से कही। साजिश के तहत गौरव ने जीवन को पैसे देकर शराब लाने को कहा, ताकि शराब दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरों में वो न दिखें। फिर दोनों ने मिलकर जमकर शराब पिया। जब जीवन शराब के नशे में मदहोश हो गया तो मौका देखते ही गौरव ने चाकू से हमला कर दिया। इतने में जीवन जोर जोर से शोर मचाना शुरू कर दिया जीवन की शोर सुन आसपास के लोग जमा होने लगे लोगों को आता देख हत्यारा गौरव वहां से फरार हो गया। जीवन हत्याकांड जिसे सब मान बैठें थे की इसका खुलासा शायद ही कभी हो पाए। क्योंकि मरने से पहले जीवन ने पुलिस को दिए अपने फर्द बयान में सिर्फ गौरव नाम के किसी सख्स का जिक्र किया था। वो कौन था और कहां का रहने वाला था इसकी सही जानकारी जीवन को भी नहीं थीं। जीवन की पत्नी अगर गौरव से शादी नहीं करती तो शायद ही इस हत्याकांड का खुलासा हो पाता। हंसडीहा पुलिस को जब इस बात की जानकारी मिली की जीवन की पत्नी आशा ने किसी गौरव नाम के लड़के से शादी की है तो पुलिस ने केस के अनुसंधान को फिर से बारीकी से शुरू किया।जीवन हत्याकांड में हंसडीहा के जिस व्यक्ति को दूसरा आरोपी बनाया गया था अब वो ही हत्याकांड में गौरव को सजा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। क्योंकि हत्या वाले दिन जीवन और गौरव के साथ हंसडीहा का हरिकांत राउत भी कुछ समय के लिए उन के साथ था। गौरव ने जीवन पर चाकू से हमला हरिकांत के जाने के बाद किया था। लेकिन शक की सुई उसकी तरफ जाने के बाद हरिकांत के फरार हो जाने की वजह से मामलें में उसे भी आरोपी बनाया गया था।

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