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रांची। महिला हिंसा को लेकर झारखंड में आंकड़े चौंकाने वाले हैं। यहां युवतियों से दुष्कर्म, हत्या से लेकर डायन-बिसाही तक म

रांची। महिला हिंसा को लेकर झारखंड में आंकड़े चौंकाने वाले हैं। यहां युवतियों से दुष्कर्म, हत्या से लेकर डायन-बिसाही तक में बेखौफ अपराध दर्ज किये जाते रहे हैं। महिला हमेशा से हिंसा की बलि चढ़ती रहीं हैं। सरकार के आंकड़े भी यही बता रहे हैं। गृह विभाग द्वारा शीतकालीन सत्र में जारी आंकड़ों के अनुसार राज्य में पिछले 23 महिनों में 3209 कांड दर्ज किये गये हैं। जिसमें 228 कांडों में कुल 2946 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र समर्पित किये गये हैं। जबकि, 228 कांडों में जांच के बाद अंतिम प्रतिवेदन समर्पित कर दिये गये हैं। 753 कांडों के खिलाफ जांच लंबित है। शीतकालीन सत्र में भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही द्वारा पूछे सवाल पर सरकार जवाब दे रही थी। गृह विभाग की ओर से बताया गया कि झारखंड में डायन-बिसाही के कुल 58 कांड दर्ज किये गये हैं। इसमें से 40 कांडो में कुल 137 अभियुक्तों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है। जबकि, 16 कांडों में कार्रवाई लंबित है।विभाग की ओर से जानकारी दी गयी कि सभी जिलों के पुलिस पदाधिकारियों को हत्या-दुष्कर्म जैसे मामलों में निरोधात्मक कार्रवाई करने तथा कोई घटना होने पर संज्ञान लेते हुये दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये हैं। विशेष शाखा को भी सतर्क कर दिया गया है।इधर, भाजपा विधायक ने हेमंत सरकार पर निशाना साधा है। शाही ने ट्वीट कर कहा है कि ‘ ये कैसी सरकार है?’ दो साल में 3209 बलात्कार ? झारखंड सरकार ने मेरे सवाल का खुद ही आंकड़ा बताया। जरा सोंचे कि किस ओर जा रहा है हमारा झारखंड ? क्या, बिहार का जंगल राज पार्ट-2 बन रहा है झारखंड?

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