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गुटखा पान मसाला की नहीं रुक रही कालाबाजारी ढाबली व फुटकर बेचने वालों की चांदी। बहराइच। कालाबाजारी व जमाखोरी को

गुटखा पान मसाला की नहीं रुक रही कालाबाजारी

ढाबली व फुटकर बेचने वालों की चांदी।

बहराइच। कालाबाजारी व जमाखोरी को लेकर भले ही सरकार बड़े बड़े दावे कर रही हो, लेकिन हकीकत में बेलगाम नौकरशाही अंकुश लगाने में विफल साबित हो रहे हैं। इस वक्त बाजारों में गुटखा पान मसाला की कालाबाजारी करने वाले बेखौफ नजर आ रहे हैं। शहर कस्बों व ग्रामीणांचलों में सर्वाधिक मांग वाला कमला पसन्द ब्रांड गुटखा की कालाबाजारी थोक दुकानदारों की ओर से महंगा दिए जाने से फुटकर वाले भी ग्राहकों से मनमाना दाम वसूल रहे हैं। जब से लॉकडाउन की अफवाह उड़ी है, तब से खाद्य पदार्थों के अलावा पान मसाला और तंबाकू उत्पादों के दाम भी आसमान छूने लगे हैं। मौके का फायदा थोक और फुटकर दुकानदार मिलकर उठा रहे हैं। बाजार के सूत्र बताते हैं कि कंपनी की ओर से दाम नहीं बढ़ाए गए हैं। और कहीं आपूर्ति में बाधा भी नहीं है, मगर थोक दुकानदार 146 रुपये का माल दो सौ रुपये तक बेच रहे हैं। फुटकर दुकानदार चार रुपये वाला पान मसाला छः रुपये के दे रहे हैं। इस कालाबाजारी पर प्रशासन व विभागीय अफसर भी सहयोग में लगे हुये हैं। पिछले साल कोरोना काल में भी थोक व फुटकर दुकानदारों ने जमकर फायदा उठाया था। जबकि सरकार का कहना है
खाद्य पदार्थों और आवश्यक वस्तुओं के भंडारण की अनुमति नहीं है। इसकी कालाबाजारी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए टीमें बनाकर चेकिंग की जायेंगी। लॉकडाउन की अफवाह के बाद दुकानदारों ने गुटखा पान मसाला का स्टॉक जमा करना शुरू कर दिया है। इससे कीमतें बढ़नी शुरू हो गईं हैं। क्षेत्र में कमला पसन्द ब्रांड की अधिक मांग है, उस पर प्रति पैकेट 40 से लेकर 50 रुपये तक अतिरिक्त वसूला जा रहा है। जिसके कारण 1-1 पाउच बेचने वाले व्यक्ति बढ़े रेट का रोना रो रहे हैं। डिस्ट्रीब्यूटर के माध्यम से गुटखा आपूर्ति विभिन्न कस्बों, बाजारों व ग्रामीणांचलों के दुकानदारों तक होता है। क्षेत्र में कमला पसन्द ब्रांड गुटखा का एक मात्र डिस्ट्रीब्यूटर नानपारा चंकी गुप्ता है। उक्त डिस्ट्रीब्यूटर के द्वारा
भारी मात्रा में अन्यंत्र गोदामों में स्टाक छिपा कर रखा गया है। तथा रिटेलर्स को ओवर रेटों पर बेच रहा है। कस्बा बाबागंज के किराना व्यवसायी अकील अहमद, पम्पम वर्मा आदि लोगों ने बताया कि कम्पनी के उक्त डिस्ट्रीब्यूटर से जब हम लोगों ने कहा कि कम्पनी ने कोई रेट में बढोत्तरी नही की है फिर महंगा क्यों दे रहे हैं। तो वह भड़क गया और माल देने से इनकार कर दिया तथा अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगा तथा भद्दी भद्दी गालियां देने लगा। मामला स्थानीय  कोतवाली तक पहुंचने पर पुलिस हस्तक्षेप कर दोनों पक्षों से सुलह समझौता करा दिया गया। वहीं पीड़ित व्यवसायी अकील अहमद का कहना है कि स्थानीय पुलिस कालाबाजारी को बढ़ावा दे रही है तथा जमाखोरों को बचा रही है।

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