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महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को अनुशासित जीवन एवं स्वयं की पहचान करते हुए सहपाठी छात्रों एवं शिक्षकों के साथ

महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को अनुशासित जीवन एवं स्वयं की पहचान करते हुए सहपाठी छात्रों एवं शिक्षकों के साथ सहज संवाद स्थापित करने के साथ-साथ महाविद्यालय की कार्य प्रणाली व इसके गौरवशाली इतिहास से परिचय कराने के लिए विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी महाविद्यालय के गोल्डन जुबली हाल में आज दिनांक 16.12.2021 को दीक्षारम्भ कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का शुभारम्भ राजा युवराज दत्त सिंह की मूर्ति पर मार्ल्यापण एवं सरस्वती वंदना व कुलगीत के साथ हुआ। चीफ प्राक्टर डॉ० सुभाष चन्द्रा ने दीक्षारम्भ पर विषय प्रवर्तन करते हुए महाविद्यालय के अनुशासन सम्बन्धी नियमों एवं शिक्षण प्रक्रियाओं से छात्र-छात्राओं को अवगत कराया और आग्रह किया कि सभी विद्यार्थी समय प्रबन्धन के साथ अनुशासन सम्बन्धी नियमों का पालन करें तथा अपनी अनुशासन क्षमता को पहचान कर व्यवहार कौशल विकसित करें और उज्जवल भविष्य के लिए प्रतिबद्ध होकर आगे बढ़ें। बी०एड० विभागाध्यक्ष डॉ० विशाल द्विवेदी ने 'आत्मानुशासन के महत्व को रेखांकित करते हुए छात्र-छात्राओं को बताया कि इसे महाविद्यालय परिसर एवं सभी क्षेत्रों में लागू करें। जन्तु विज्ञान विभागाव्यक्ष डॉ० अजय कुमार आगा ने युवराज दत्त महाविद्यालय के अपने छात्र-जीवन, शिक्षक जीवन एवं समाजसेवी के रूप में सक्रिय भूमिका का उद्धरण देते हुए उपस्थित छात्र-छात्राओं को अनुशासित जीवन शैली अपनाकर अनवरत प्रयन्तशील रहने के लिए प्रेरित किया। पूर्व प्राचार्य डॉ० डी०एन० मालपानी ने कहा कि अनुशासन पूरे जीवन में बहुत महत्व रखता है और जीवन के हर कार्यों में इसकी उपयोगिता होती है। वाणिज्य विभागाध्यक्ष डॉ० एन०एल० वर्मा ने छात्र-छात्राओं को अभिप्रेरित करते हुए बताया कि अनुशासित जीवन शैली से व्यक्ति को अपने कार्यो, गतिविधियों के प्रति केन्द्रित रहने में मदद मिलती है जिससे वह आसानी से अपने लक्ष्य को लेता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ० हेमन्त पाल ने कहा कि युवराज दत्त महाविद्यालय की गौरवशाली परम्परा रही है। अनेक छात्र-छात्राओं ने यहां से शिक्षा ग्रहण करके सामाजिक जीवन में सम्मानजनक स्थान प्राप्त किया है। महाविद्यालय अपने स्थापना काल से अद्यतन छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। अध्ययनरत छात्र-छात्रायें अनुशासित होकर शिक्षा ग्रहण करें और वे महाविद्यालय की गौरवशाली परम्परा के ध्वजवाहक बनें। महाविद्यालय पठन-पाठन के साथ-साथ रोजगारोन्नमुखी ,समाजसेवा तथा राष्ट्र सेवा से जुड़े विभिन्न कार्यक्रमों को छात्रहित में आयोजित कराने के लिए संवेदनशील हैं। कार्यक्रम का सफल संचालन अंग्रेजी विभाग की एसो०प्रोफेसर डॉ० नीलम त्रिवेदी ने किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के शिक्षक डॉ० डी०के० सिंह, डॉ० जे०एन० सिंह, डॉ० आर०पी०एस० तोमर, डॉ० एस०के० पाण्डे, डॉ० संजय कुमार, डॉ० नूतन सिंह, डॉ० ज्योति पंत, डॉ० मनोज मिश्र, डॉ० सत्यनाम, डॉ० इष्टविभू श्री मनोज कुमार, डॉ० आकाश वार्ष्णेय, श्री मनोज कुमार, श्री बृजेश शुक्ला, श्री दीपक कुमार बाजपेई, श्री देशराज, डॉ० ओम प्रकाश सिंह सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्रायें उपस्थित रहे।

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