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बचपन में दूध पसंद नहीं था, पर देश में श्वेत क्रांति लाकर बनें मिल्क मेन : डॉ ओराँव

फूलों झानो मुर्मू डेयरी इंजीनियरिंग कॉलेज हंसडीहा में शुक्रवार को देश में श्वेत क्रांति के जनक मिल्क मेन ऑफ इंडिया डॉ वर्गीज कुरियन के जन्मोत्सव नेशनल मिल्क डे के रूप में मनाया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी राँची के डॉ जे ओराँव ने कहा कि भारत में श्वेत क्रांति के जनक डॉ वर्गीज कुरियन को बचपन में दूध पसंद नहीं था।

हुआ श्वेत क्रांति का आगाज वर्गीज कुरियन ने 1970 में ऑपरेशन फ्लड शुरू किया। इससे देश में श्वेत क्रांति का आगाज हुआ और भारत दुग्ध उत्पादन के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा देश बन गया।

भारत में डेयरी उत्पादों की सबसे बड़ी कंपनी अमूल की स्थापना में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अमूल की सफलता से प्रभावित होकर तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने सारे देश में अमूल मॉडल को फैलाने के लिए राष्ट्रीय दुग्ध विकास बोर्ड का गठन किया।

साल 1965 में स्थापित होने वाली इस संस्था का पहला अध्यक्ष वर्गीज कुरियन को ही बनाया गया।

कार्यक्रम में कॉलेज के डीन डॉ संजय सिंह, एसोसिएट डायरेक्टर डॉ पीबी साह, एग्रीकल्चर कॉलेज गोड्डा के एसोसिएट डीन डॉ अमृत कुमार झा मुख्य रूप से मौजूद थे।

👉🏻मिल्कमैन ऑफ इंडिया' के नाम से हुए मशहूर भारत में श्वेत क्रांति के जनक माने जाने वाले वर्गीज कुरियन 26 नवंबर 1921 को केरल के कोझिकोड में पैदा हुए थे। एक सीरियाई क्रिश्चियन परिवार में पैदा हुए वर्गीज कुरियन ने मकैनिकल इंजिनियरिंग में मास्टर्स किया है।

मास्टर्स करने के बाद उन्होंने दुग्ध उत्पादन की दुनिया में कदम रखा। साल 2012 में 90 साल की उम्र बिताकर 'मिल्कमैन ऑफ इंडिया' के नाम से मशहूर वर्गीज कुरियन दुनिया छोड़कर चले गए।
 

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