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देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा संविधान से ही संभव है : डॉ. निधि प्रजापति

संविधान हमें मर्यादित जीवन जीना सिखाता है।
कोटा । 26 नवंबर 1949, देश के इतिहास का वो ऐतिहासिक दिन रहा जिस दिन संविधान निर्मात्री सभा के द्वारा भारतीय गणतंत्र के लिए भारत का संविधान प्रस्तुत किया गया। उसी की 72 वीं वर्षगांठ के अवसर पर सोसाइटी हैस ईव इंटरनेशनल चैरिटेबल ट्रस्ट के द्वारा संविधान दिवस मनाया गया।


ट्रस्टी डॉ. निधि प्रजापति ने बताया कि बूंदी में संस्था की राष्ट्रीय सांस्कृतिक अध्यक्ष शोभा कँवर और कोटा में चंदन देतवाल के नेतृत्व में मनाये गए संविधान दिवस के अंतर्गत विद्यालयों में भारत के संविधान, उसके निर्माण, मूल तत्व, विशेषताएं, प्रस्तावना, उसके महत्त्वपूर्ण तथ्यों, समाजवादी, पंथ-निरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक, गणराज्य, स्वतंत्रता, समानता, एकता, अखंडता, बंधुता का अर्थ, देेश और आम इंसान के लिए उसका महत्त्व का ज्ञान दिया गया इसके साथ ही बच्चों की भारत के संविधान की उद्देशिका लेखन की प्रतियोगिता कराई गई जिसमें लगभग 750 विद्यार्थियों ने भाग लिया।

प्रतियोगिता में बच्चों ने एक से बढ़कर एक कलात्मक रूप से संविधान की प्रस्तावना को लिखा।
जहाँ बूंदी में कक्षा नवीं से बारहवीं के ग्रुप में नेहा बैरवा प्रथम, राजविंदर कौर द्वितीय व आकांशा राठौड़ तृतीय रही वही छटी से आठवीं के ग्रुप में अंजली मीणा विक्की सोलंकी द्वितीय व पायल सुमन तृतीय रही वहीं कोटा में नंदनी सुमन, एंजेल व सोनू सुमन प्रथम, नीति पराशर, अजय कुमार मीणा व अनिल कुमार द्वितीय व सना बी, अर्पिता पटवा व काजल तृतीय रही तथा 6 विद्यार्थियों को सांत्वना पुरस्कार दिया गया।


कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बरुन्धन के प्रिंसिपल अशफाक गौरी, एन वाय वी नेहा पटवा, मांगीलाल, देवराज बैरवा व्याख्याता चित्रकला, अनामिका भारद्वाज, देवराज मीणा, शीला गुप्ता, प्रदीप शर्मा, ज्योति चाँदसी, हंसा कलवार का विशेष सहयोग रहा।

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