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नशे की शुरूआत की वजह परिवार भी, मुक्ति के लिए स्वयं को ही संकल्प लेना होगा

स्वास्थ्य विभाग की ओर से तंबाकु नियंत्रण कार्यक्रम के तहत लो इनफोर्सस ओरिएन्टेशन का आयोजन गुरूवार को हुआ। इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव दीपक दूबे ने कहा कि नशे की शुरूआत के प्रति जिम्मेदार कई हद तक परिवार भी है। उन्होंने कहा कि परिवार में पिता अपने बच्चांे के सामने ही गुटखा खा रहे है या तंबाकू का सेवन कर रहा है तो वह अपने बच्चे को भी अप्रत्यक्ष रूप से प्रेरित कर रहा हैै। उन्होंने कहा कि 16 से 18 वर्ष की आयु में नशे की शुरूआत होती है। हमने ऐसे हालात कर दिए कि घर बैठे-बैठे अभिभावक अपने बच्चों के साथ ही धूम्रपान की सामग्री मंगवाते है। ऐसे में बच्चे के दिमाग में भी नशे की बात प्रवेश करती है। इसलिए हम कितने भी इन नशे की वस्तुओं पर खतरनाक चित्र लगा ले, लेकिन जब तक स्वयं संकल्प नहीं लेंगे तब तक इस पर नियंत्रण करना आसान नहीं है। उन्होंने अपने परिवार की ही बात करते हुए कहा कि मेरे पिताजी तंबाकु खा रहे थे तो मैंने मजाक-मजाक में कह दिया कि आप हमें क्या सिखाओगे। उनको यह बात इतनी दिल पर लग गई कि तुरंत तंबाकु का डिब्बा फेंक दिया। वह आज अस्सी साल के है और स्वस्थ है। उन्होंने वो डिब्बा जो फेंका, उसके बाद से अब तक तंबाकू का सेवन नहीं किया। उन्होंने इस बात के माध्यम से कहना चाहा कि संकल्प लेना ही सबसे बड़ी शुरूआत है। उन्होंने कहा कि उस दौरान पिताजी को जब भी तलब लगती थी तो वह संतरे की गोलियां खा लेते, लेकिन तंबाकू को नकार दिया। उन्होंने आजकल टीवी पर चलने वाले विज्ञापनांे पर चिंता जताई। उन्होंने एक विज्ञापन को लाइव करके दिखाया और इस पर आपत्ति जताई। साथ ही कहा कि पुलिस विभाग को भी टीवी क्षेत्र ने बदनाम कर रखा है। पुलिस का कोई भी दृश्य हो तो उससे पहले पुलिस को धूम्रपान करते हुए दिखाते है। यह कहा तक सही है। क्या सभी पुलिस वाले धूम्रपान करते है। उन्होंने कहा कि टीवी क्षेत्र में पुलिस को बिना धूम्रपान किए हुए सीन फिल्माया जा सकता है, लेकिन छवि खराब बनाई जा रही है। हम सबको मालूम है नशा हम सबको नाश कर देता है, फिर भी इसको नियंत्रित नहीं कर पा रहे है। कार्यशाला में मौजूद अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि नशे को दूर करने के लिए हमें भी भूमिका अदा करनी होगी। हम हमारे पास आ रहे आम व्यक्तियों को भी इसके लिए प्रेरित कर सकते है। लेकिन इससे पहले हम सभी को दृढ़ संकल्प स्वयं के लिए लेना होगा। इस दौरान अध्यक्ष नंदलाल पुरोहित हेमंत जी पुरोहित ने भी संबोधन दिया। कार्यशाला में इन्होंने दी तंबाकू नियंत्रण के प्रभावी उपायों की जानकारी कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग की ओर से तंबाकू नियंत्रण के लिए हो रहे प्रयासों और काननू की जानकारी दी। मौजूद अधिवक्ताओं को सीएमएचओ डॉ एचएल ताबियार, डिप्टी सीएमएचओ डॉ दीपक निनामा और डीपीओ डॉ हेमलता जैन ने पीपीटी के माध्यम से तंबाकू सेवन से हो रहे दुष्प्रभाव और हमारी सामाजिक भागीदारी पर प्रकाश डाला।

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