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तम्बाकू का कहर, ज़िंदगी में जहर, राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत हेल्थ प्रोफेशनल की ट्रेनिंग

बाँसवाड़ा। राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत हेल्थ प्रोफेशनल का एकदिवसीय ट्रेनिंग सोमवार को सम्पन्न हुई । इस दौरान कोटपा नियम के तहत होने वाली कारवाई और तंबाकू नियंत्रण के लिए उठाए जाने वाले आवश्यक कदमों पर चर्चा की।

ट्रेनिंग के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एचएल ताबियार ने कहा कि तम्बाकू का कहर, ज़िंदगी मे जहर है। उन्होंने कहा कि तम्बाकू से भारत मे प्रति वर्ष लगभग 13.5 लाख लोगों की मौत हो जाती है। राज्य में ही करीब 65 हजार लोगों की मौत हो जाती है।

उन्होंने कहा कि धूम्रपान से मरने वालों की संख्या प्रतिवर्ष अन्य वजह से मरने वालों की संख्या से अधिक है। उन्होंने गेट्स रिपोर्ट के आधार पर बताया कि हर दिन 300 से अधिक बच्चे तम्बाकू का सेवन करना शुरू करते है।

इस दौरान डॉ ताबियार ने सभी चिकित्सकों से कहा कि हमें हमारे क्षेत्र में अधिक से अधिक प्रयास कर धूम्रपान को कम करना है। इससे स्वास्थ्य ढांचे में भी सुधार होगा। उन्होंने कहा कि जब धूम्रपान कम होगा तो अपने आप ही कई बीमारियों का खात्मा होगा। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ प्रवीण वर्मा ने तम्बाकू से पड़ने वाले दुष्प्रभाव पर प्रकाश डाला।

उन्होंने धूम्रपान से फेफड़ों पर पहुचने वाली हानियों पर संबोधन दिया। डॉ वर्मा ने टीबी मरीजों के इलाज के लिए हो रहे जिला स्तरीय प्रयास के बारे में अवगत कराया। उन्होंने टीबी का इलाज ले रहे मरीजों को सरकार की ओर से दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में भी बताया। साथ ही टीबी पेशेंट मिलने पर जिला स्तर पर भेजने की प्रक्रिया को बताया पुलिस प्रशासन को साथ लेकर कारवाई करें डिप्टी सीएमएचओ डॉ दीपक निनामा ने बताया कि अपने अपने क्षेत्रों में सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने वालो पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने इस संबंधित नियमों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन को साथ लेकर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि चालान काटे और समझाइश भी करें। ताकि अगली बार वह गलती नहीं करें। उन्होंने कहा कि हमारा कर्तव्य बनता है कि स्वयं भी तम्बाकू का उपयोग नहीं करे और दूसरों को रोके। उन्होंने कहा कि सबसे पहले हमारे परिचितों को तम्बाकू छोड़ने के लिए प्रेरित करें। स्वास्थ्य चेतावनी अनिवार्य जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ हेमलता जैन ने ट्रेनिंग का समन्वय करते हुए तम्बाकू से होने वाली मुख्य बीमारियों के बारे में अवगत कराया। उन्होंने बताया कि यदि सिनेमाघरों में हेल्थ स्पोर्ट का प्रदर्शन नहीँ किया गया हो तो उसका लाइसेंस रद्द करने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि टेलीविजन पर स्वास्थ्य चेतावनी अनिवार्य है। उन्होंने राजस्थान सरकार की तम्बाकू नियंत्रण पर हो रहे प्रयास के बारे में भी अवगत कराया।

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