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पंजाब में डॉक्टरों की हड़ताल: राजिंदरा अस्पताल में ओपीडी बंद, जालंधर में भी बिना इलाज लौटे मरीज

पंजाब स्टेट मेडिकल एंड डेंटल टीचर्स एसोसिएशन के आह्वान पर सरकारी मेडिकल व डेंटल कॉलेजों और राजिंदरा अस्पताल के डॉक्टर सोमवार को अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे।

इस दौरान दिन भर मुकम्मल तौर पर ओपीडी व ऑपरेशन सेवाएं बंद रखी गईं और छात्रों की कक्षाओं का भी डॉक्टरों ने बहिष्कार किया। हालांकि इमरजेंसी सेवाओं को पहले की तरह चालू रखा गया। 

हड़ताली डॉक्टरों ने राजिंदरा अस्पताल के नजदीक पटियाला-संगरूर रोड जाम लगा कर पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और छठे वेतन आयोग में एनपीए में कटौती का विरोध किया गया।

डॉक्टरों ने साफ किया कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी, तब तक संघर्ष जारी रहेगा। 

उधर, डॉक्टरों की हड़ताल के कारण ओपीडी बंद रहने से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। मरीजों को बिना जांच निराश होकर वापस लौटना पड़ा।

कई मरीज पटियाला से बाहर के थे, जिन्होंने हड़ताल को लेकर रोष व्यक्त किया। पंजाब स्टेट मेडिकल एंड डेंटल टीचर्स एसोसिएशन के महासचिव डॉ. डीएस भुल्लर ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से अपील करते मांग की है कि मरीजों व छात्रों के हित के लिए डॉक्टरों के एनपीए का मामला जल्द हल किया जाए। 

जालंधर: डॉक्टरों की हड़ताल से चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था
छठे वेतन आयोग की लागू सिफारिशों के खिलाफ सोमवार को सरकारी व पैरा मेडिकल स्टाफ हड़ताल पर चला गया। इस हड़ताल के कारण मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। 3 दिवसीय हड़ताल के कारण डॉक्टरों ने सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में ओपीडी ठप रखी व सिविल अस्पताल में रोष प्रदर्शन किया। यहां तक कि डॉक्टरों ने ओपीडी तक जाने वाला रास्ता भी बंद कर दिया व वहीं पर धरना लगाकर बैठ गए। 

ओपीडी बंद होने के कारण मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ा। इस हड़ताल के चलते न तो मरीजों को दवा मिली और न ही उनके टेस्ट हो सके। अगर मरीजों को हुई परेशानी की बात करें तो दोपहर तक 200 के करीब मरीजों की पर्ची काटी जा चुकी थी। साथ ही 200 के करीब लोग हड़ताल के कारण अपनी पर्ची नहीं बनवा पाए व लौट गए। 

हड़ताल से परेशानी केवल आम जनता को ही नहीं हुई, बल्कि पुलिस वालों को भी खामियाजा भुगतना पड़ा। दरअसल, आरोपियों के मेडिकल के लिए आए पुलिस वालों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। इसके अलावा ईएसआई अस्पताल में भी डॉक्टरों की हड़ताल के कारण काफी मरीज लौटे।


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