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पंजाब में बिजली संकट: रोपड़ प्लांट की एक इकाई ठप, लहरां मुहब्बत की बंद यूनिट फिर चालू

पंजाब में भीषण गर्मी और धान सीजन के बीच गुरुवार को बिजली संकट उस समय और गहरा गया, जब तकनीकी खराबी के चलते रोपड़ थर्मल प्लांट और लहरां मुहब्बत थर्मल प्लांट की 210-210 मेगावाट क्षमता वाली एक-एक यूनिट बंद हो गई। इससे बिजली उत्पादन में 420 मेगावाट की कमी आई और पंजाब के कई इलाकों में लोगों को अघोषित कट का सामना करना पड़ा। 


वहीं किसानों को भी वादे के मुताबिक आठ घंटे बिजली सप्लाई नहीं मिल पाई। हालांकि लहरां मुहब्बत थर्मल प्लांट की खराब हुई यूनिट को पावरकाम के इंजीनियरिंग स्टाफ ने खबर लिखे जाने तक चालू कर दिया था लेकिन दिन भर इस यूनिट के बंद रहने से दिक्कतें बनी रहीं।


2620 मेगावाट बिजली उत्पादन में कटौती रही 
सरकार व पावरकाम के दावों के विपरीत पंजाब में बिजली संकट दिन ब दिन गहराता जा रहा है। 1980 मेगावाट क्षमता वाले तलवंडी साबो थर्मल प्लांट की दो यूनिट पहले ही तकनीकी खराबी के चलते बंद पड़ी हैं, जबकि तीसरी यूनिट खराबी के चलते फिलहाल 50 फीसदी बिजली दे रही है। ऐसे में गुरुवार को रोपड़ व लहरां मुहब्बत थर्मल प्लांटों की भी एक-एक यूनिट बंद होने से पावरकाम की मुसीबतें बढ़ गईं। 

बताया जा रहा है कि रोपड़ यूनिट के बॉयलर ट्यूब में लीकेज हो गया है। वहीं मानसून में देरी के चलते बांधों में पानी का स्तर कम होने के कारण बिजली का उत्पादन घटा है। आंकड़ों के मुताबिक 600 मेगावाट कम बिजली का उत्पादन हो रहा है। इसके चलते गुरुवार को कुल 2620 मेगावाट बिजली उत्पादन में कमी रही।

पावरकाम को खरीदनी पड़ रही महंगी बिजली
बिजली उत्पादन में भारी कमी व बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड (पावरकाम) को 4.09 रुपये प्रति यूनिट मिलने वाली बिजली गुरुवार को एनर्जी एक्सचेंज से 12.40 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से खरीदनी पड़ी। पावरकाम ने गुरुवार को 400 मेगावाट अतिरिक्त बिजली खरीदी। पावरकाम के सीएमडी ए वेणू प्रसाद के मुताबिक कम उत्पादन का बड़ा कारण तलवंडी साबो थर्मल प्लांट की असफलता, बीबीएमबी से कम बिजली उत्पादन है। इसलिए बिजली की कमी को पूरा करने के लिए पावरकाम को दक्षिणी व सरहदी जोन पर पावर रेगुलेटरी उपाय लगाने को मजबूर होना पड़ा है।


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